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nehapatel5953
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Neha singh

nothing special,

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Neha singh

सृजन  के आरंभ में,
आदि पुरुष ने अपने लिए चुना मौन,
और गढ़ दिया पहाड़,
प्रकृति ने चुन ली चंचलता,
और बुन दी नदी,
तब से अब तक,
बूंद बूंद रिस रहा है पहाड़!
और कंकड़ कंकड़ सूख रही है नदी!!

©Neha singh #river #adipurus #Love #PREM #nehasingh #yqdidi #yqhindi #hindi_poem #hindi_quotes
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Neha singh

भोर होते ही स्त्रियाँ ढूढ़ने लगती हैं,
कोने में रखी झाड़ू के तिनके,
बटोरने लगती हैं आंगन में पसरी 
बासी बची कुची रात के टुकड़े,
और समेटने लगती हैं,
तारों से टपके उजालों की बूंदे,
दिन चढ़ते ही गूंदने लगती हैं,
अपनी कविताऐं और फिर चुपचाप,
सेंक देती हैं अपने गीत,
परोस देती हैं अपने रचे कुछ महाकाव्य,
और बांट देतीं हैं अपने बुने कुछ सपने!
वास्तव में स्त्रियाँ बांध कर बदल देती हैं,
अपने घर को एक मुक्तक काव्य में ! ! !
क्योंकि स्त्रियाँ जानती हैं,
भूखी कविताओं का दर्द!!

©Neha singh #Women #aslineha #neha #nehasingh #yqdidi #Hindi #hindi_poem #hindi_quotes #hindi_poetry
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Neha singh

सुनो ईश्वर!
तुम तो निरा अकिंचन हो,
तुम्हारे पास ना सुख है ना दुख
और ना ही रोने का कोई कारण,
फिर भला किस कारण तुमने सृजित किया रुद्राक्ष!
ना तुममें जीने की अभिलाषा
ना मृत्यु का भय,
फिर भला किस कारण तुमने ढूंढ लिया शमशान!
सुनो ईश्वर!
ना तुममें जीतने की चाह है,
और ना ही हारने का भय,
रंग रूप से परे,
कितना भव्य है तुम्हारा निराकार स्वरूप,
फिर भला क्यों तुमने रचा चंद्रेश्वर होने का स्वांग!

©Neha singh #aslineha #nehasingh #neha  #yqdidi #yq #thought_of_the_day #poem #God #hindi_poetry
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Neha singh

इस कोरे काग़ज पर क्या लिखूं!
एक रात लिखूं उजियारी सी,
या अंधेरों सी शाम लिखूं,
लिखूं अपने मन का सूनापन,
या हर लफ्ज़ तेरे नाम लिखूं,
क़लम अब तू ही बता!
ये ख़त किसके नाम लिखूं?

©Neha singh #Khat #aslineha #neha #nehasingh #Love #klam #thought_of_the_day #yqdidi
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Neha singh

प्रथम सब शून्य था,
अतिविशाल बिन्दु रूप,
अकस्मात प्रलय का महासृजन हुआ,
प्रलय के भयंकर नाद से,
प्रेम का मनोरम संगीत बना,
बिखरे कण फिर सब एक हुए,
एक धरा और एक चाँद बना,
उसी प्रलय की अतुल्य ऊर्जा से, 
दूर कहीं धरा की गहन कोख में,
जीवन का प्रथम राग बना, 
राग बना विराग बना,
शांत चंचल प्रकृति का सुन्दर गान बना,
प्रेम की पवित्र छाया में,
ईश्वर का अपना परिवार बना, 
सृजन के शाश्वत नाद में,
कहीं नश्वर मनुष्य बना, 
मनुष्य की असीम नश्वरता में,
प्रकृति का शाश्वत नाश हुआ, 
शांत प्रकृति का मन फिर निरा अशांत हुआ, 
अशांत विचलित हृदय में फिर, 
सृजन का अतिशय उत्पात हुआ, 
इस असीम सृजन से व्याकुल होकर, 
प्रकृति ने फिर प्रलय का स्वप्निल स्वांग रचा, 
स्वांग ऐसा जिसमें केवल सृजन दिखा, 
असीम विकास दिखा,
सत्य था जो दिखा नहीं, जो दिखा वो सत्य नहीं,
इस स्वांग के अंतिम क्षण में,
पुनः सब शून्य होगा !!!
अतिशय लघु गगनरूप!!!

©Neha singh #aslineha #Bigbang 
प्रथम सब शून्य था,
अतिविशाल बिन्दु रूप,
अकस्मात प्रलय का महासृजन हुआ,
प्रलय के भयंकर नाद से,
प्रेम का मनोरम संगीत बना,
बिखरे कण फिर सब एक हुए,
एक धरा और एक चाँद बना,

#aslineha #Bigbang प्रथम सब शून्य था, अतिविशाल बिन्दु रूप, अकस्मात प्रलय का महासृजन हुआ, प्रलय के भयंकर नाद से, प्रेम का मनोरम संगीत बना, बिखरे कण फिर सब एक हुए, एक धरा और एक चाँद बना,

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Neha singh

अत्यंत सरल है ज्ञान की खोज में,
गृह त्याग कर बुद्ध हो जाना,
मोह से विमुख होकर, स्वयं सत्य हो जाना,
अत्यंत सरल है, देखकर जगत का मिथ्या भ्रम, 
ढूढ़ना सत्य को वन में किसी वट की छाँव तले, 
और मूंद कर अपने नेत्र देखना सत्य को, 
सरल है, गृह त्याग कर बुद्ध हो जाना ॥ 
वास्तव में अत्यंत सरल है, किन्तु ! 
उतना ही कठिन है, बिना नींद के सो जाना, 
और भींच कर अपना स्वर यशोधरा हो जाना, 
मौन रहना और खोजना अबोध राहुल के प्रत्येक प्रश्न को उत्तर...

©Neha singh #Buddha #gyan #yqdidi #yqhindi #neha #nehasingh #aslineha
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Neha singh

काव्य मन के भाव से उपजता है,
जैसे जबरन भाव नही उपजते वैसे ही 
काव्य स्वंय ओस की सर्द बूंदों सा स्वतः 
झरता रहता है। कविता स्वंयभू होती है,
निर्विकार और निराकार!
प्रकृति की अनवरत चलने वाली निर्माण 
क्रिया का शाश्वत संगीत और आदिपुरुष 
के मौन का चिरंतन राग, काव्य दोनो की 
सहकारिता का प्रमाण है।

©Neha singh #leaf #aslineha #nehasingh #neha #yqdidi #yq #thought_of_the_day  #thought #kavita #hindi_quotes
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Neha singh

जो दफ़न है किसी,
अधमरे पेड़ की कोख में 
मै बवारी ढूंढ़ रही हूँ 
मसाने की राख में
दबी बची कुची कविता!
कदाचित मेरे भाग्य के 
किसी कोने में
अभी भी शेष हो 
विधाता द्वारा रचित 
एक भावहीन छंद!
मेरा अंतस विछिप्त सा 
ढूंढ़ रहा है 
हृदय की अनंतिम ध्वनियों में
शेष एक अंतिम कविता!

©Neha singh #Flower #aslineha #neha #nehasingh #hindi_poetry #Hindi #first_quote #hindi_quotes  #Ishvar #god


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