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vivekkumarmaurya6534
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

खता-ए-बदनाम, आशिक़

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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

नौ दिन की यह महिमा, दुर्गा का आशीर्वाद,
तेरे संग मनाते हम, सजे जीवन का उल्लास।

खुशियों की बहार संग, हर रंग में तू निखरे,
तेरे बिना अधूरी सी, यह नवरात्रि की साज।

सजी हैं राधा की बगिया, जैसे तू खिलखिलाए,
मंदिरों की घंटियाँ गूंजे, प्रेम भरे रिश्ते लाए।

रातों में संग दीप जलें, तेरे संग मन की बातें,
हर क्षण में तेरा साया, जैसे देवी की महकातें।

जय माता दी के संग-संग, तेरा साथ निभाएँगे,
तेरे बिन अधूरा मेरा, हर त्योहार मनाएँगे।

तेरे संग ही आएंगी, खुशियों की नई बौछार,
नवरात्रि की इस बेला में, बस तेरा ही प्यार।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #navratra
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White हमसे छोटे - बड़े जिन्होंने मुझे डांट के, मेरा काट, मुझे समझा कर।
मुझे सिखाने वाले को शिक्षक दिवस की शुभकामनायें।।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #teachers_day
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

दस्तक दे रही है इनकी बेरोजगारी,
# # # # 
जिन्होंने ने सरकार को कलाम दिया।।






स्रोत - सीतापुर बस स्टॉप

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
  upp #tag

upp tag

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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White देश गुलामी से आजाद हो गया।
# # # #
दिल अभी - भी उसका गुलाम है।।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
  #love_shayari

love_shayari

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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White 15 अगस्त की सुबह, गगन में तिरंगा लहराए,
स्वतंत्रता का नवल रंग, हर दिल में बस जाए।

हर गली, हर गांव में, ख़ुशियों की बहार,
शहीदों की शौर्य गाथा, गूंजे हर एक वाद्य हार।

संघर्ष की गाथाएँ, वीरता की सौगात,
स्वाधीनता के सूरज से, चमक रहा है हर द्वार।

सपनों की कश्ती में, हर दिल सवार,
उन्नति की राह पर, चलना है सबको सार।

15 अगस्त की बेला में, संकल्प का संगीत बजाए,
स्वतंत्रता के इस उत्सव को, हर दिल मिलकर मनाए।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
  #happy_independence_day
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White किताबों की अष्ठियों से उसने खुद की ज़िन्दगी जलायी है ।

वो चार पैसे कमाने ख़ुद को शहर ए लखनऊ लायी है ।

गुबजर के ग़ालिब और हकीम सब ख़ाक मे मिल गए
 ज़ब वो माँ बनने पर उतर आयी है ।


शायरों से लिखें ना गए, कलम भी कांप गयी,
ये जो लड़की जिस आह को जी आयी है।

बिना ब्याह के ज़ब से वो विचारगत तौर पे माँ बन आयी है।।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #rajdhani_night
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White जिसको को मै सर तक लाया,
जिसको मै आभासी रूप मे घर तक लाया,
वो मेरे जहन मे अभी तक नहीं उतर पाया।
के बाप, का बाप चुतिया काट शहर हो आया।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #good_night_images
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

Black इस शहर मे भी बजार लग गये है,
# # # #
नवाबों के शहर मे सब नवाब बन गये है।।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #Thinking

Thinking

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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White 

मेंरी कलम की दीनार भी ना चली,
जिसने मुझें चाहा उस पर एक आह ना चली।

वो सिर्फ लड़ के एक वक्त मांगती थी,
मेरे कंधे को बिस्तर, मुझें ख़ुदा मानती थी।

हकीकत मे वो ज़ीने का सलिका जानती थी,
वो लड़की थी जो सिर्फ मुझें जानती थी।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #Road
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विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )

White तुम्हे मुझसे चाहिए तो बहुत कुछ,
तुम कुछ..... तो बोलो।

©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #Couple
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