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ankursahaysrivas9251
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ankur sahay srivastav

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ankur sahay srivastav

बाद मरने के भी ये देखती रहे आंखें , और आते हैं हमें लोग उठाने कितने । #अंकुर सहाय अंकुर आजमगढ़

बाद मरने के भी ये देखती रहे आंखें , और आते हैं हमें लोग उठाने कितने । #अंकुर सहाय अंकुर आजमगढ़

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ankur sahay srivastav

कुछ मुद्दों को हम हैं पकड़े ।
रहते भी हैं अकड़े - अकड़े 
खुद ही फ़सकर मर जाएंगे 
हम हैं अपनी जाल के मकड़े । #मकडे
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ankur sahay srivastav

शहर की भीड़ अर्थव्यवस्था देश की, अपनी पकड़े तूल ।।
चलो आज हम तोड़ दें,इस ट्रैफिक के रूल ।।

चले बीच में बैठकर ,लिए हेलमेट हाथ ।
और तीसरा यार भी, पीछे चिपके साथ ।।

गड्ढा गड्ढा  सड़क है,पटरी पटरी धूल ।
पेनाल्टी से अब खिलें ,इनमें अच्छे फूल ।।

     #अंकुर सहाय
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ankur sahay srivastav

अलविदा मोहब्बत अब तेरी याद भी नहीं आती ।

दिल का दौरा भी अब नहीं पड़ता ।।

   
   #अंकुरसहाय"अंकुर"_आजमगढ़ #अंकुर
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ankur sahay srivastav

अलविदा मोहब्बत अब तेरी याद भी नहीं आती ।

दिल का दौरा भी अब नहीं पड़ता ।
।
     
 #अंकुरसहाय"अंकुर"_आजमगढ़
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ankur sahay srivastav

मन में प्रेम 
बंशी पे उंगलियां
ओंठो पे राधा #अंकुरमन
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ankur sahay srivastav

~~old मुक्तक~~~

लब  पे हैँ मुस्कान बिखेरे , 
और ज़िगर मेँ पीर के साथ /
 किस राँझा को फुरसत !  जागे,
 रात-रात  भर हीर के साथ /
टूट गये यादोँ के घेरे, 
   समझौते की बात हुई ,
और दस्तख़त कर बैठे हम,
     लोहे  की जंजीर के साथ // 
~~~ अंकुर सहाय 'अंकुर'

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ankur sahay srivastav

निकला पहन के आज
 चुप्पियों की पैरहन..
सब लोग कह रहे थे,
               बहुत बोलता हूं मैं ।।
   
।।.अंकुर !!

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ankur sahay srivastav

ख़त तेरे फिर पढ़े 
तस्वीर तेरी फिर देखी
इस तरह जागकर
हर रात ने सुबह कर दी ।
        *अंकुर* #ओह!
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ankur sahay srivastav

 उसका क़द हो छोटा मेरे क़द से सोच यही..
बौना पंजों के बल रोज उचकता रहता है ।
           🤔अंकुर

उसका क़द हो छोटा मेरे क़द से सोच यही.. बौना पंजों के बल रोज उचकता रहता है । 🤔अंकुर

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