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jyotikhandelwal1668
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Jyoti Khandelwal

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Jyoti Khandelwal

पलको के किनारे हमने भिगोए नही 

लोग समझते रहे की हम रोए नही ।

लोग पूछते है कि....

खवाबो मे किसे याद करते हो ।

हम केसे बताए कि.....

हम बरसो से सोए नही ।।

poetry jyoti khandelwal. Sirohi jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

धन निरंकार जी 

आज मेने खुद को थोड़ा पढा है ।

की हर इन्सान मुझसे बड़ा है ।। 

खुदा ने मुझे जो दिया है..

वो सबसे अच्छा है ।।

Poetry jyoti khandelwal. Sirohi 

धन निरंकार जी jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

धन निरंकार जी 

 की केसे जुडे तार निरंकार से ।

जुडी डोर निरंकार के एहसास से ।।

हसरते है नुमाईशे है....

तेरे वचनों पर चलने की ही ख्वाइशे है,

तेरे सन्तो से दुरीया है फासले भी है, 

ये तो जमाने के किए फेसले है ।।

 Poetry jyoti khandelwal. Sirohi 

धन निरंकार जी jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

कियो डरे की जींदगी में क्या होगा ।
 
हर वक्त कीयु सोचे कि कूछ बुरा होगा
 
बढते रहे मंजिल की ओर हमे कूछ मिले या

 न मिले, पर तजुर्बा तो नया होगा ।।

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Jyoti Khandelwal

चेहरे की आड़ मे जमाना ही खल रहा है ।

है वृक्ष की कमी मगर....

ढ़ढ़ता का बीज फल रहा है...

हर वक्त इस शहर मे कूछ बदल रहा है ।।

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jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

ए इन्सान तुझसे तो अच्छा ये आयना है ।
जो जैसा है वैसा दिखाता है 
पर सच बोलने से कभी नही घबराता है ।।

ए इन्सान तू अपनी सूरत को....
यू हेरत से ना देख आयने मे...
यह वही सच दिखा रहा है..
जो तू झूठा नकाब लिए दूनियाँ से छिपा रहा है ।।

 Poetry jyoti khandelwal. Sirohi jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

धन निरंकार जी 

जो दिल में बसा लेते है नसीहत तुम्हारी ।
उन्ही को तो मिलती है जमाने की खुशियाँ है सारी ।।

तेरे वचनों पर जो चलता है उसे बिन मांगे सब कुछ मिलता ।
अपने सन्तो की खातिर तकदीर का लेख  तू बदलता ।।

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धन निरंकार जी jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

मेरी प्यारी कविता,     धन निरंकार जी 


कहते हो कि निरंकार की मजी के बिना इक पत्ता भी नही हिल पाता है । 
निरंकार की मजी से पंछी भी पर फेलाता है ।।
निरंकार से नाता जोडा है तो पता मालुम ही होगा..
कूछ नहीं जानते यह बहाना कियू बनाते हो
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धन निरंकार जी jyoti khandelwal

jyoti khandelwal

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Jyoti Khandelwal

aaj maine seekha   जीवन में संयम रखना बहुत जरूरी है




धन निरंकार जी

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Jyoti Khandelwal

वक्त काफी हो गया एसा सोचते हुए ।
अब कलम भी कह उठी की फेसला तो किजीए ।।

हाँ यही है फेसला......2
जो दिखेगा अब यहा आगे-आगे ये कलम 
खुद करेगी वो बया ।।

हाँ सही ये बात है तूझ पर ही तो नाज हैं ।
ओर का क्यू कहू जब तूने दी जुबान है।।

मे आयना समाज का -2
अब सच कहुगी मे यहाँ 
होश में रहोगे तब -2
सुनना मेने क्या कहा ।।

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jyoti khandelwal

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