"शराब की बूंदों से भरी ये रातें हैं,
दिल की गहराइयों को जाने कौन समझ पाते हैं।
शराब के गिले शिकवे, ज़िंदगी के मोसमों की तरह,
मुझे भुला देती हैं, अपने अंदर के सब राज़।
नशे की मदहोशियों में खोये हुए हैं हम,
ज़िंदगी के किनारे से दूर, शराब की लहरों में। #शायरी