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amitbisht4056
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Amit Bisht

Ruswai

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Amit Bisht

Ki ab bas kar kais Kitna phone ko lock unlock karega Kab tak use Instagram par stalk karega Uske fikr Ko bohot hai uska kya Jata hai Tu hai ki niwala sabzi me ghumaye hi Jata hai Tujhe lagta hai woh bhi raaton Ko roti hai ? Kaun se Daur mein hai bhyi ? Woh to ghode bech ke soti hai #Comic #RDV19

Ki ab bas kar kais Kitna phone ko lock unlock karega Kab tak use Instagram par stalk karega Uske fikr Ko bohot hai uska kya Jata hai Tu hai ki niwala sabzi me ghumaye hi Jata hai Tujhe lagta hai woh bhi raaton Ko roti hai ? Kaun se Daur mein hai bhyi ? Woh to ghode bech ke soti hai #Comic #RDV19

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Amit Bisht

मोहब्बत की बात छेड़ तुम हरकत ज़माने सी करती हो नफरत में भी कमी रह जाती है तुमसे बात इश्क़ निभाने की करती हो घरों को जलना तुम्हारी फितरत है बात लौ जलने की करती हो #ruswa #RDV19

मोहब्बत की बात छेड़ तुम हरकत ज़माने सी करती हो नफरत में भी कमी रह जाती है तुमसे बात इश्क़ निभाने की करती हो घरों को जलना तुम्हारी फितरत है बात लौ जलने की करती हो #ruswa #RDV19

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Amit Bisht

अब दिन शादी का था
उसका लाल जोड़ा खरीदकर मैं घर लौटा
लड़की वालों का घर था पर दुल्हन ने फैसला किया
अकेले ही सजना सवरना है
अपनी मर्ज़ी से ही सब हो रहा था
कमरे में जब पहुँचा तो साड़ी पहन रही थी
मैंने माफी मांगते हुए पीछे मुड़ा तभी कहती है
" यार इधर आ यह साड़ी कैसे पहनते हैं ? "
न ही प्लेट्स बनाई थी न ही बाल
दोनों कानो झुमके भी अलग अलग
इस झल्ली से कौन शादी करे सोचता था
एक हाथ मे मेहँदी थी एक मे नहीं
घुटनो पर बैठ कर मैंने पहले प्लेट्स ठीक करी
जब उठने लगा तो सर झुका हुआ और आँखें भारी हुईं
वापस घुटनो पर आगया
" अरे पिन निकल गयी " यही बहाना आया उस वक़्त
मेरे नीचे झुकते साथ ही वो भी नीचे झुक गयी
कहती " अरे क्या हुआ ? बता। मुझसे क्या छुपा रहा है । सिर्फ शादी ही तो हो रही है , दोस्ती थोड़े ही तोड़ रही हूँ "
कुछ रिश्ते बनते कुछ रिश्तो से टूटकर , अब कौन बताये इसे
और जब आँख भारी हो और कोई कंधे पर हाथ रखकर यह पूछले
कि क्यों रो रहे हो , उसी वक़्त सबसे ज़्यादा रोना आता है
यूँही सिसकियों में मै वो कह गया जिसे कहने की इजाज़त मेरे ज़मीर ने मुझे
नहीं दी थी
" मैं क्या करूँ स्नेहा । मुझे अब भी तुमसे प्यार है । मुझमे और उसमें ...."
बस इतने पर ही मैं रुक गया । शायद इसके आगे अगर कहता तो ,,,, खैर ।
इतना सुनते ही शायद उससे गुस्सा आया या कुछ और 
मेहँदी उठाकर दोनों हाथों में माली , और मेरे पूरे चेहरे पर पोत दी
मेरी शर्ट पर हाथो को फेर सीने से लिपट गई
सारा मेकअप उतर गया । उसे संभाला और आईने के सामने बैठाया
बाल सँवारे गुथ बनाई , सब पहले सा किया , नथ पहनाई , दूसरे हाथ पर मेहँदी लगाई

आशिक़ था मैं उसका , एक तरफा इश्क मुझे उससे , पर उससे पहले उसका दोस्त भी तो था ।

कैसा है यह रिश्ता मुझे मालूम नही । दोस्ती और प्यार दोनों ही हैं पर दोनों ही नही । इज़हार किया था एक दफा उससे मैंने । बस जो कहा उसे ही निभा रहा हूँ । मैन कोई तीर नही मारा । बस प्यार किया , निभाया , दोस्ती की निभाई #कहानी #कविता #शायरी

कहानी कविता शायरी

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Amit Bisht

 kuch sapne to dekh hi sakte hain

kuch sapne to dekh hi sakte hain #कहानी #nojotophoto

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Amit Bisht

 Main mujhse Milne Roz

Main mujhse Milne Roz #शायरी #nojotophoto

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Amit Bisht

 1.11 is my pen name

1.11 is my pen name #कविता #nojotophoto

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Amit Bisht

स्याही सूख गई कि तुम अब लिखोगे । अब लिखोगे
कलम दराज़ से चीखती है कि कब लिखोगे । कब लिखोगे

मैं कुछ दूर तलक गया था इश्क़ ढूंढने
वो फिर नज़र आई मुझे । मैं अब लिखूंगा । मैं अब लिखूंगा
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Amit Bisht

#OpenPoetry जब एड़ियाँ तुम्हारी ख़ुश्क हो जाएंगी
गुज़रेगा जन्मदिन भी खिड़की किनारे
जब बहाने फेर कर कोई भी न आएगा
अलग शहरों में बस जाएंगे दोस्त तुम्हारे
जब छत्त पर जाओगी मिर्च सुखाने
और लगा के कुर्सी यह सोचोगी
किताब तो लाना भूल गई
यादाश्त को युही कोसोगी
जब सूरत पे ना कोई गौर करेगा
और मन तो खैर दूर की बात
तुम आईना भी देखोगी तब ही
जब गुज़र चुकी होगी आधी रात
जब बाज़ार न कोई ले जाएगा
जो चाल तुम्हारी धीरे हो
तुम किस संग दुनिया देखोगी
यह ख्वाब तब भी अधूरे हो
जब उबासियाँ भी गिनने लग जाओ
और दवाइयां भी टुक टुक देखेंगी
टॉमी नींद में पलंग के नीचे
दोपहर भी पर्दे से झांक गुज़र जाएगी
जब लतीफों के बदले पोते भी मांगे
वो छुट्टे पैसे कहाँ छुपाओगी
मिलते ही पैसे लतीफे भी खत्म
फिर किससे तुम बतियाओगी

क्या उस वक़्त मेरी याद आएगी ?
सुनो ! क्या तब तुम मुझसे बात करोगी ?


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