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hindisahityasaga7365
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HINDI SAHITYA SAGAR

I'm SHAILENDRA RAJPOOT, a poet,writer, artist, painter... खमसार, दहलीज़, दुवारे छोड़ आया हूँ, खलिहान, मड़नी, चौबारे छोड़ आया हूँ, चमकते चंद सिक्कों की खातिर, लाखों रुपहले सितारे छोड़ आया हूँ। -शैलेन्द्र राजपूत https://www.youtube.com/@hindisahityasagar1

https://www.youtube.com/@hindisahityasagar1

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HINDI SAHITYA SAGAR

White जिसके आधार गुणवत्तापूर्ण बने होते हैं।
उन्हीं पर ही आलीशान महल बने होते हैं।

©HINDI SAHITYA SAGAR #good_night
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HINDI SAHITYA SAGAR

White जिसके आधार गुणवत्तापूर्ण बने होते हैं।
उन्हीं पर ही आलीशान महल बने होते हैं।

©HINDI SAHITYA SAGAR #good_night
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HINDI SAHITYA SAGAR

White कोशिश यही है तुम्हें प्यार दूँ,
तुम्हारे लिए ज़िंदगी वॉर दूँ।

©HINDI SAHITYA SAGAR #love_shayari
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HINDI SAHITYA SAGAR

White चलोगे साथ? पूछा था हमने..
मुश्किल है! कहा था उसने..

कब तक यूँ ही सहते रहोगे,
फनों से ख़ुद को डसते रहोगे,

©HINDI SAHITYA SAGAR #love_shayari
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HINDI SAHITYA SAGAR

White तुम बार-बार मुझे बुलाने आते हो,
मैं जब भी तुम्हारे पीछे आता हूँ,
जाने कहाँ चले जाते हो..
जाने कहाँ चले जाते हो..

©HINDI SAHITYA SAGAR #good_night
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HINDI SAHITYA SAGAR

White उसके खतों की ख़ुशबू आज भी मेरे ज़ेहन में है,
उसकी लिखावट आज भी मेरे जीवन में है।
गुज़रें बेशक़ कितनी मुद्दते ही न क्यों, 
पर वो सदा महफूज़ मेरे तन-मन में है।
                           -शैलेन्द्र

©HINDI SAHITYA SAGAR #sad_quotes  love shayari

#sad_quotes love shayari #Love

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HINDI SAHITYA SAGAR

White कविता : याद करो

उन रातों को याद करो,
उन ख़्वाबों को याद करो,
जिक्र हुआ न जिन बातों का,
उन बातों को तुम याद करो।

उन कसमों को याद करो,
उन रस्मों को याद करो,
उन निश्छल, कोरे-कोरे, 
स्वप्नों को तुम याद करो।

उन भावों को याद करो,
अनुभावों को याद करो,
दुःखती रग सहलाये जो,
उन घावों को याद करो।

उन वादों को याद करो,
परिवादों को याद करो,
खट्टी-मीठी जो भी गुज़रीं,
उन यादों को याद करो।

याद करो, 
तुम याद करो,
बस याद करो,
और याद करो,
तुम याद करो।
       -शैलेन्द्र राजपूत

©HINDI SAHITYA SAGAR #Sad_Status
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HINDI SAHITYA SAGAR

White बातें बनती हैं, तो बन जाने दो।
नीदें उड़ती हैं, तो उड़ जाने दो।

©HINDI SAHITYA SAGAR #love_shayari
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HINDI SAHITYA SAGAR

White तन-मन् होंगे स्वस्थ-निरोग,
अपनाओगे यदि तुम योग।

©HINDI SAHITYA SAGAR #GoodMorning
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HINDI SAHITYA SAGAR

White ग़ज़ल

लोग अपना न घर देखते,
क्यूँ पराया ही घर देखते।

खाट टूटी पड़ी हो भले,
लोन लेकर हैं घी ठूसते।

टूटता पीढ़ियों तक क़हर,
फूंक घर जो तमाशा देखते।

घोसला जब गया हो बिखर,
ढ़ोल क्योंकर हो तुम पीटते।

'शैल' देखो फलों में फैला ज़हर,
व्यर्थ ही तुम शजर क्यों सींचते।

©HINDI SAHITYA SAGAR #good_night
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