Nojoto: Largest Storytelling Platform
deepmalapandey2415
  • 5Stories
  • 15Followers
  • 26Love
    91Views

Deepmala Pandey

  • Popular
  • Latest
  • Video
ae561dda45d15347b5477008fa8f5aec

Deepmala Pandey

फूल
     
सुबह की पहली किरण
मेरे उपवन पर पड़ती है
तो चेहरा गुलाब सा खिल जाता है
तितलियों और भौरों को झूमता देखकर
मेरे मन का उदास आईना भी
     मुस्काता है.....
खामोश मोहब्बत में
अकसर जब शब्द खो जाते हैं
  तब फूलों से ही
इजहारे मोहब्बत कर पाते हैं
दिल के पन्नों के बीच जो फूल रह जाते हैं
 सूखने के बाद भी
प्यार की खुशबू में सराबोर  नजर आते हैं....
फूल तो कांटों के संग जीवन बिताते हैं
फिर भी हर पल मुस्काते हैं
 और हमें भी
सुख रुपी फूल दुख रूपी काटो जैसा
 जीवन जीना सिखाते हैं....
बिछड़कर जो फूल
अपनी शाख से गिर जाते हैं
वह भी इंसान के मन को भाते हैं
कंभी भगवान को चढ़ाए जाते हैं
कभी गुलदस्ता बन मन को भाते हैं
कभी शहीदों का मान बढ़ाते हैं
कभी पार्थिव शरीर में चढ़कर
 श्रद्धांजलि रुपी आंसू बन जाते हैं...
आओ हम सब मिलकर
फूलों से बन जाए
भेदभाव बैर को मिटाकर
प्रेम रूपी माला में गुथ जाए
बाग रूपी इस संसार का
कोना कोना महकाएं......

          दीपमाला पांडेय खंडवा
                  मध्यप्रदेश
ae561dda45d15347b5477008fa8f5aec

Deepmala Pandey

ma tumhari yaad bahut aati he

ma tumhari yaad bahut aati he

ae561dda45d15347b5477008fa8f5aec

Deepmala Pandey

papa me badi ho gai hu

papa me badi ho gai hu

ae561dda45d15347b5477008fa8f5aec

Deepmala Pandey

पापा .........
       मैं क्यों बड़ी हो गई हूं????????
चलते चलते कहीं गिर ना जाऊं 
कहीं गुम ना जाऊं 
नन्हीं उंगलियों को थाम लेते थे 
आज खुद ही अपने हाथों को 
टेक कर खड़ी हो जाती हूं 
             पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं ....?
बस आंख भर आती थी 
तो सबको चिल्लाते थे 
मुझे चुप कराते थे मनाते थे 
आज पूरी रात तकिए में 
सिर छुपा कर रो लेती हूं 
          पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं ....?
मेरा नाम ले लेकर 
दिन भर घर में बुलाते रहते थे 
देर तक ना दिखूं तो 
चिंता करने लगते थे 
आज अपने ही नाम को 
सुनने के लिए तरस जाती हूं 
          पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं .....?
जरा सा रुठ जाती थी तो 
घंटों मनाते थे 
बिना खाए सो जाऊं तो 
फिर से जगाते थे 
आज किससे रूठू ?
किससे जिद करूं ?
यही सोचते रह जाती हूं 
और अपने ही गुस्से को पी जाती हूं 
                पापा मैं क्यों बड़ी हो गई हूं......दीपमाला पांडेय
ae561dda45d15347b5477008fa8f5aec

Deepmala Pandey

पहला प्यार

निरंतर कोशिशों के पश्चात भी
नहीं दे सके प्यार पहले प्यार की परिभाषा...
श्यामल सांझ के पन्नों में
शांत मन से लिखे कुछ शब्द
पहले पहले प्यार के अहसास से
   पर यह क्या?????
शब्दों के साथ पन्ने भी कम पड़ गए...
कभी कभी लगता है
हम कितने अभागे हैं
पहले प्यार के विलक्षण एहसास को
समझ नहीं पाते हैं....
फिर लगता है
कितने भाग्यशाली हैं
समूची कायनात से
जिंदगी के हर पड़ाव पर
प्यार का एहसास होता है....
शिशु के रुदन के के साथ
एक मां के पहले प्यार का एहसास...
मेरे पहले प्यार का नाम
मेरे सर्वस्व की पहचान
जिसने जगत में लाकर
दिया मुझे मान....
पिता की उंगली पकड़ जब चलना सीखा
वह भी प्यार का एहसास था...
भाई की कलाई में मेरी पहली राखी
पहले प्यार के रूप में मेरे पास था.…
हर जगह पर रहते हैं पहले प्यार के पहरे
चेहरे के अंदर दिखते हैं मुझे चेहरे...
पहले प्यार का शायद अंत नहीं होता
निकल आती है कोई ना कोई गुंजाइश
किसी का प्यार कभी आखरी नहीं होता...

        दीपमाला पांडेय


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile