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abhickumar2303
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Abhic Kumar

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Abhic Kumar

सरलता और सादगी को देखकर न जाने उसने क्या समझा।
जो भी समझा उसने समझ से अपनी अच्छा समझा।।
समझा नहीं जरूरी हमने उसे ओर कुछ भी समझना अपनी तरफ से।
अब समझदारी का दौर है जो समझा उसने अच्छा समझा।।

©Abhic Kumar
  #RT #IC #AB
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Abhic Kumar

उन्ही से फासले इतने
कि जिनके पास में इतने

©Abhic Kumar
  #RT #IC
 #Ab
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Abhic Kumar

शहरों की चकाचौंध में गाँव का सुकून नही मिलता।।
शहरों की चकाचौंध में घर तो मिलता है पर गांव का मकान नही मिलता।।
शहरों की चकाचौंध में रोशनी तोह है पर गांव का खुला आसमान नही मिलता।।
शहरों की चकाचौंध में व्यवहार तो है पर गांव वाला सम्मान नही मिलता।।
शहरों की चकाचौंध में खुशियां तो है पर गांव वाला बचकाना बचपन नही मिलता।।

©Abhic Kumar
  #Abhi #RT #IC #Ab
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Abhic Kumar

मैं बैठ अकेला सोच रहा हूँ,
तन की धन को खुशिया क्या,
यहाँ तो ये सब मोह माया हैं,
मिलती है मन की खुशियां क्या,
यहाँ लोग भेद और भाव करे,
आपस मे सब टकराव करे,
क्या मिल जाती है तुम सबको,
इस सब से जग की खुशियां क्या,
पहले लोग अपना नाश करें,
फिर ऊपर वाले से आश करे,
कुछ पल की मजे की आदत से,
मिल जाती जीवन भर खुशियां क्या,
मैं बैठ अकेला सोच रहा हुँ,
तन की धन की खुशियां क्या??।

©Abhic Kumar
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Abhic Kumar

बेहद खूबसूरत है ,
     ये प्रकृति के एहसास भी🍂
पर मेरी नजरें ,
       सिर्फ तुम्हारा दीदार चाहती है।💚❤️

©Abhic Kumar
  #nature #you
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Abhic Kumar

जाति अलग थी पापा नहीं माने,
अब दामाद पीटता है, फिर भी 
सुकून है कि
बिटियाँ अपनी जाति वाले से ही 
पीट रही है....😢😢

©Abhic Kumar
  #सच
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Abhic Kumar

વરસાદી સુગંધ सारे इत्रो की खुशबू आज मन्द
 पड़ गयी,
मिट्टी में बारिश की बूँदे जो चन्द
 पड़ गयी।।

©Abhic Kumar
  #बारिश
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Abhic Kumar

"तलाश है अतीत की
कुछ यादें सिमटी पड़ी है उसमे"

©Abhic Kumar
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Abhic Kumar

भृमर के भृम में कीटों को बांट मधुरपराग मन का,
कुसुम शीर्ण कर रही ताप अपने तन यौवन का।।

©Abhic Kumar
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Abhic Kumar

एक टुकड़ा बादल
एक आँगन बरसात......

©Abhic Kumar
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