काल के एक ब्रह्माण्ड में अन्य लोकों की भी रचना है, जैसे श्री ब्रह्मा जी का लोक, श्री विष्णु जी का लोक, श्री शिव जी का लोक। इसी ब्रह्माण्ड में एक मानसरोवर तथा धर्मराय का भी लोक है तथा एक गुप्त स्थान पर पूर्ण परमात्मा अन्य रूप धारण करके रहता है जैसे प्रत्येक देश का राजदूत भवन होता है। वहाँ पर कोई नहीं जा सकता। वहाँ पर वे आत्माऐं रहती हैं जिनकी सत्यलोक की भक्ति अधूरी रहती है। जब भक्ति युग आता है तो उस समय परमेश्वर कबीर जी अपना प्रतिनिधि पूर्ण संत सतगुरु भेजते हैं। इन पुण्यात्माओं को पृथ्वी पर उस सम #Kabira#superda
True path
#कबीरसाहेब_का_प्राकाट्य
पूर्ण प्रभु अनामी, अगम, तथा अलख लोक रचने के बाद सतलोक में प्रकट हुआ तथा सतलोक का भी अधिपति यही है। इसी का नाम अकालमूर्ति - शब्द स्वरूपी राम - पूर्ण ब्रह्म - परम अक्षर ब्रह्म आदि हैं। कबीर प्रभु का मानव सदृश शरीर तेजोमय है।
Saint Rampal Ji #Kabira#KabirisGod#Love#Life
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पूर्ण प्रभु अनामी, अगम, तथा अलख लोक रचने के बाद सतलोक में प्रकट हुआ तथा सतलोक का भी अधिपति यही है। इसी का नाम अकालमूर्ति - शब्द स्वरूपी राम - पूर्ण ब्रह्म - परम अक्षर ब्रह्म आदि हैं। कबीर प्रभु का मानव सदृश शरीर तेजोमय है।
Saint Rampal Ji #Love
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पूर्ण प्रभु अनामी, अगम, तथा अलख लोक रचने के बाद सतलोक में प्रकट हुआ तथा सतलोक का भी अधिपति यही है। इसी का नाम अकालमूर्ति - शब्द स्वरूपी राम - पूर्ण ब्रह्म - परम अक्षर ब्रह्म आदि हैं। कबीर प्रभु का मानव सदृश शरीर तेजोमय है।
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