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maqbulalam1313
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Maqbul Alam

हम शायरों की ज़िंदगी भी क्या ज़िंदगी है देखिए, हँस रहें हैं आसुओं पे शायरी लिखते हुए !!

https://m.youtube.com/watch?v=IuHnt3pNfGU&feature=youtu.be

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Maqbul Alam

मेरी ग़ज़लों का खुदारा यूं तमाशा ना बने,
मैं उसपे शेर लिखूं, शेर भी अच्छा ना बने,

वो क्या दरख़्त जो तुझको ना दे सके साया,
वो संग क्या तेरे कूंचे का जो रस्ता ना बने,

सभी का हुस्न तेरे हुस्न का सदका हो मगर,
ये तेरा हुस्न किसी हुस्न का सदका ना बने,

अब तेरे ज़ात से है मुझको बगावत करनी,
दुआ है दिल पे यकीं का तेरे नक्शा ना बने !!

©Maqbul Alam मेरी ग़ज़लों का खुदारा यूं तमाशा ना बने,
मैं उसपे शेर लिखूं, शेर भी अच्छा ना बने,

वो क्या दरख़्त जो तुझको ना दे सके साया,
वो संग क्या तेरे कूंचे का जो रस्ता ना बने,

सभी का हुस्न तेरे हुस्न का सदका हो मगर,
ये तेरा हुस्न किसी हुस्न का सदका ना बने,

मेरी ग़ज़लों का खुदारा यूं तमाशा ना बने, मैं उसपे शेर लिखूं, शेर भी अच्छा ना बने, वो क्या दरख़्त जो तुझको ना दे सके साया, वो संग क्या तेरे कूंचे का जो रस्ता ना बने, सभी का हुस्न तेरे हुस्न का सदका हो मगर, ये तेरा हुस्न किसी हुस्न का सदका ना बने, #Poetry

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Maqbul Alam

तन्हा हैं अभी होना था जब हमनशीं के साथ,
धोखा बहुत हुआ है मेरी जिंदगी के साथ,

इज़हार ए इश्क कर रहे हो बेरुखी से तुम,
ये जाम दीजिए ज़रा सा चाशनी के साथ !!

©Maqbul Alam तन्हा हैं अभी होना था जब हमनशीं के साथ,
धोखा बहुत हुआ है मेरी जिंदगी के साथ,

इज़हार ए इश्क कर रहे हो बेरुखी से तुम,
ये जाम दीजिए ज़रा सा चाशनी के साथ !!

#Shayari #Poetry #gazal

तन्हा हैं अभी होना था जब हमनशीं के साथ, धोखा बहुत हुआ है मेरी जिंदगी के साथ, इज़हार ए इश्क कर रहे हो बेरुखी से तुम, ये जाम दीजिए ज़रा सा चाशनी के साथ !! #Shayari Poetry #gazal

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Maqbul Alam

इश्क में अनमोल सी है इक निशानी ताज ये,

मुझको भी दफना के तेरे गम शहंशां हो गयें !!

©Maqbul Alam इश्क में अनमोल सी है इक निशानी ताज ये,
मुझको भी दफना के तेरे गम शहंशां हो गयें !!

#gazal #Nojoto

इश्क में अनमोल सी है इक निशानी ताज ये, मुझको भी दफना के तेरे गम शहंशां हो गयें !! #gazal

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Maqbul Alam

एक तड़पती मां की ममता जब मचली,
फिर दुनिया ने देखा के ज़मज़म निकला,

मैंने सबके प्यार को जब महसूस किया,
मेरी मां से नौ महीने कम निकला !!

©Maqbul Alam एक तड़पती मां की ममता जब मचली,
फिर दुनिया ने देखा के ज़मज़म निकला,

मैंने सबके प्यार को जब महसूस किया,
मेरी मां से नौ महीने कम निकला !!

#MothersDay #HappyMothersDay #Ma

एक तड़पती मां की ममता जब मचली, फिर दुनिया ने देखा के ज़मज़म निकला, मैंने सबके प्यार को जब महसूस किया, मेरी मां से नौ महीने कम निकला !! #MothersDay #HappyMothersDay #Ma

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Maqbul Alam

नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था,
हमें सब कुछ बताना चाहिए था,

कसम मेरे उठा पाया नहीं वो,
उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था,

मैं जल्दी भागकर आता वहां पर,
तुम्हे आवाज़ लगाना चाहिए था,

उसे बेचैन भी तुम देखते फिर,
मेरा इक शेर सुनना चाहिए था,

तुम्हे गर बारिशों से इश्क था तो,
मेरी आंखों में आना चाहिए था !!

©Maqbul Alam नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था,
हमें सब कुछ बताना चाहिए था,

कसम मेरे उठा पाया नहीं वो,
उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था,

मैं जल्दी भागकर आता वहां पर,
तुम्हे आवाज़ लगाना चाहिए था,

नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था, हमें सब कुछ बताना चाहिए था, कसम मेरे उठा पाया नहीं वो, उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था, मैं जल्दी भागकर आता वहां पर, तुम्हे आवाज़ लगाना चाहिए था, #Poet #Shayari #urdu #jaunelia #gaalib❤️

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Maqbul Alam

मुसव्विरों ने हमे क्या दिया मुहब्बत से,
गमों को मेरा ही चेहरा दिया मुहब्बत से,

किसी के प्यार को ठुकरा दिया था मैनें भी,
किसी ने मुझको भी ठुकरा दिया मुहब्बत से !!

©Maqbul Alam मुसव्विरों ने हमे क्या दिया मुहब्बत से,
गमों को मेरा ही चेहरा दिया मुहब्बत से,

किसी के प्यार को ठुकरा दिया था मैनें भी,
किसी ने मुझको भी ठुकरा दिया मुहब्बत से !!

#Shayari #gazal #Nojoto #nojotoshayari #sher #ishq

मुसव्विरों ने हमे क्या दिया मुहब्बत से, गमों को मेरा ही चेहरा दिया मुहब्बत से, किसी के प्यार को ठुकरा दिया था मैनें भी, किसी ने मुझको भी ठुकरा दिया मुहब्बत से !! #Shayari #gazal #nojotoshayari #sher #ishq

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Maqbul Alam

गज़ब का मोजज़ा देखो ज़मीं से निकला है,
शजर जहां से कटा फिर वहीं से निकला है,

सबक ना बांटिए हमको मुहब्बतो की जनाब,
ये सिलसिला ए मुहब्बत हमीं से निकला है !!

©Maqbul Alam गज़ब का मोजज़ा देखो ज़मीं से निकला है,
शजर जहां से कटा फिर वहीं से निकला है,

सबक ना बांटिए हमको मुहब्बतो की जनाब,
ये सिलसिला ए मुहब्बत हमीं से निकला है !!
#gazal #Poetry #Sahayri #nojotoshayari

गज़ब का मोजज़ा देखो ज़मीं से निकला है, शजर जहां से कटा फिर वहीं से निकला है, सबक ना बांटिए हमको मुहब्बतो की जनाब, ये सिलसिला ए मुहब्बत हमीं से निकला है !! #gazal Poetry #Sahayri #nojotoshayari

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Maqbul Alam

मेरी उम्मीद के आसार निकल जाते हैं,
डूब जाएं भी तो उस पार निकल जाते हैं,

मेरे ज़ख्मों पे तो मरहम भी नहीं खुलते हैं,
छींकने से तेरी तलवार निकल जाते हैं !!

©Maqbul Alam मेरी उम्मीद के आसार निकल जाते हैं,
डूब जाएं भी तो उस पार निकल जाते हैं,

मेरे ज़ख्मों पे तो मरहम भी नहीं खुलते हैं,
छींकने से तेरी तलवार निकल जाते हैं !!

#Shayari #urduadab #gazal #poem #Shayar #nojotshayari

मेरी उम्मीद के आसार निकल जाते हैं, डूब जाएं भी तो उस पार निकल जाते हैं, मेरे ज़ख्मों पे तो मरहम भी नहीं खुलते हैं, छींकने से तेरी तलवार निकल जाते हैं !! #Shayari #urduadab #gazal #poem #Shayar #nojotshayari

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Maqbul Alam

ढूंढूंगा तो शायद पत्थर मिल जाए,
नामुमकिन है तुमसे बेहतर मिल जाए,

मैं भी चमकूं तन्हाई में आंखों में,
काश मुझे भी पानी का घर मिल जाए,

इक हफ्ते में जिसमें इक इतवार भी हो,
अल्लाह मुझको ऐसा दफ्तर मिल जाए !!

©Maqbul Alam ढूंढूंगा तो शायद पत्थर मिल जाए,
नामुमकिन है तुमसे बेहतर मिल जाए,

मैं भी चमकूं तन्हाई में आंखों में,
काश मुझे भी पानी का घर मिल जाए,

इक हफ्ते में जिसमें इक इतवार भी हो,
अल्लाह मुझको ऐसा दफ्तर मिल जाए !!

ढूंढूंगा तो शायद पत्थर मिल जाए, नामुमकिन है तुमसे बेहतर मिल जाए, मैं भी चमकूं तन्हाई में आंखों में, काश मुझे भी पानी का घर मिल जाए, इक हफ्ते में जिसमें इक इतवार भी हो, अल्लाह मुझको ऐसा दफ्तर मिल जाए !! #Shayari #gazal #urdu #rekhta #urdu_poetry #nojotoshayari #MunawwarRana #andaz_e_ishaq

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Maqbul Alam

ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है,
मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है,

یہ پیار اور زیادہ اُجاڑ سکتا ہے،
مگر کہاں ي ارادہ اُجاڑ سکتا ہے،

इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर,
हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !!

اسے بہتر ہے کہ تو مُجھسے بیوفائی کر،
ہم شریفوں کو ي وعدہ اُجاڑ سکتا ہے !!

©Maqbul Alam ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है,
मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है,

इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर,
हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !!
#Poetry #Shayari #gazal

ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है, मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है, इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर, हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !! Poetry #Shayari #gazal

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