मेरी ग़ज़लों का खुदारा यूं तमाशा ना बने,
मैं उसपे शेर लिखूं, शेर भी अच्छा ना बने,
वो क्या दरख़्त जो तुझको ना दे सके साया,
वो संग क्या तेरे कूंचे का जो रस्ता ना बने,
सभी का हुस्न तेरे हुस्न का सदका हो मगर,
ये तेरा हुस्न किसी हुस्न का सदका ना बने, #Poetry
Maqbul Alam
तन्हा हैं अभी होना था जब हमनशीं के साथ,
धोखा बहुत हुआ है मेरी जिंदगी के साथ,
इज़हार ए इश्क कर रहे हो बेरुखी से तुम,
ये जाम दीजिए ज़रा सा चाशनी के साथ !!
#Shayari Poetry #gazal
Maqbul Alam
इश्क में अनमोल सी है इक निशानी ताज ये,
मुझको भी दफना के तेरे गम शहंशां हो गयें !!
#gazal
Maqbul Alam
एक तड़पती मां की ममता जब मचली,
फिर दुनिया ने देखा के ज़मज़म निकला,
मैंने सबके प्यार को जब महसूस किया,
मेरी मां से नौ महीने कम निकला !!
#MothersDay#HappyMothersDay#Ma
Maqbul Alam
नहीं कुछ भी छुपाना चाहिए था,
हमें सब कुछ बताना चाहिए था,
कसम मेरे उठा पाया नहीं वो,
उसे तो नाज़ उठाना चाहिए था,
मैं जल्दी भागकर आता वहां पर,
तुम्हे आवाज़ लगाना चाहिए था, #Poet#Shayari#urdu#jaunelia#gaalib❤️
Maqbul Alam
मुसव्विरों ने हमे क्या दिया मुहब्बत से,
गमों को मेरा ही चेहरा दिया मुहब्बत से,
किसी के प्यार को ठुकरा दिया था मैनें भी,
किसी ने मुझको भी ठुकरा दिया मुहब्बत से !!
#Shayari#gazal#nojotoshayari#sher#ishq
Maqbul Alam
गज़ब का मोजज़ा देखो ज़मीं से निकला है,
शजर जहां से कटा फिर वहीं से निकला है,
सबक ना बांटिए हमको मुहब्बतो की जनाब,
ये सिलसिला ए मुहब्बत हमीं से निकला है !!
#gazal Poetry #Sahayri#nojotoshayari
Maqbul Alam
मेरी उम्मीद के आसार निकल जाते हैं,
डूब जाएं भी तो उस पार निकल जाते हैं,
मेरे ज़ख्मों पे तो मरहम भी नहीं खुलते हैं,
छींकने से तेरी तलवार निकल जाते हैं !!
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ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है,
मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है,
इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर,
हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !!
Poetry #Shayari#gazal