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✍ अमितेश निषाद

थोड़ा और दर्द होता तो और रोते सब सुनते कास हम जॉन एलिया होते ______अमितेश निषाद

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✍ अमितेश निषाद

है वर्षों का मोहब्बत जुदा होने से डरती है
ये कैसा जंग है फेसबुक का पासवर्ड देने से डरती है

कहती है कजाक लड़की मुझ पर शक करते हो तुम
ये कैसा मेरा शक है जो शक दूर करने से डरती है

©✍ अमितेश निषाद है वर्षों का मोहब्बत जुदा होने से डरती है
ये कैसा जंग है फेसबुक का पासवर्ड देने से डरती है

कहती है कजाक लड़की मुझ पर शक करते हो तुम
ये कैसा मेरा शक है जो शक दूर करने से डरती है
       
                                  ____अमितेश निषाद

है वर्षों का मोहब्बत जुदा होने से डरती है ये कैसा जंग है फेसबुक का पासवर्ड देने से डरती है कहती है कजाक लड़की मुझ पर शक करते हो तुम ये कैसा मेरा शक है जो शक दूर करने से डरती है ____अमितेश निषाद #Smile

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✍ अमितेश निषाद

तुम मुझे अपने चश्में से 
क्यों देखते हो ? 
कभी हमारे चश्में से देखो 
तो तुम्हे पता चले, 
ज़िंदा होकर भी जिंदा होना
क्या होता है ।
एक ख्वाहिश की खातिर
उस रास्ते पर भागना जहां ! 
 चारों ओर फूलों की बाड़ 
और पैरों के नीचे उम्मीद के कांटे
जो चुभते तो नहीं लेकिन
 हर रोज दर्द दुगुना कर जाते हैं । 
वो उम्मीद जो पिछले कुछ सालों
से पीछा ही नहीं छोड़ रहे ।
सोते-जागते, खाते-पीते, घूमते-फिरते
दिमाग के दरावजे पर दस्तक दे जाते हैं
मैं ख्वाहिश, तुम ज़िंदा तो हो ना ?

©✍ अमितेश निषाद तुम मुझे अपने चश्में से 
क्यों देखते हो ? 
कभी हमारे चश्में से देखो 
तो तुम्हे पता चले, 
ज़िंदा होकर भी जिंदा होना
क्या होता है ।
एक ख्वाहिश की खातिर
उस रास्ते पर भागना जहां !

तुम मुझे अपने चश्में से क्यों देखते हो ? कभी हमारे चश्में से देखो तो तुम्हे पता चले, ज़िंदा होकर भी जिंदा होना क्या होता है । एक ख्वाहिश की खातिर उस रास्ते पर भागना जहां !

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✍ अमितेश निषाद

थोड़ा और दर्द होता तो और रोते
सब सुनते कास हम जॉन एलिया होते

©✍ अमितेश निषाद #थोड़ा और दर्द होता तो और रोते
सब सुनते कास हम जॉन एलिया होते

                         ______अमितेश निषाद

#थोड़ा और दर्द होता तो और रोते सब सुनते कास हम जॉन एलिया होते ______अमितेश निषाद

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✍ अमितेश निषाद

मेरे  जेब  का  सिक्का  तेरे  जेब  में  है
वो भी लूटा चुका किसी के पाजेब में है

कितना  सच  बोलता है ए यार मेरे
 वो सच झलकता तेरे किरदार में है

तुमने मांगी थी दौलत काम के वास्ते
सोने की हार तेरे मासूक के गले में है

मेरी जरूरतों पर मुझे पराया समझने वाले
हर  बार  तुम्हारी  जरूरत  मेरे  हाथ  में  है

©✍ अमितेश निषाद मेरे  जेब  का  सिक्का  तेरे  जेब  में  है
वो भी लूटा चुका किसी के पाजेब में है

कितना  सच  बोलता है ए यार मेरे
 वो सच झलकता तेरे किरदार में है

तुमने मांगी थी दौलत काम के वास्ते
सोने की हार तेरे मासूक के गले में है

मेरे जेब का सिक्का तेरे जेब में है वो भी लूटा चुका किसी के पाजेब में है कितना सच बोलता है ए यार मेरे वो सच झलकता तेरे किरदार में है तुमने मांगी थी दौलत काम के वास्ते सोने की हार तेरे मासूक के गले में है

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✍ अमितेश निषाद

पुराना  तोहफा  बेच  के  नया  तोहफा  लाये  हो  तुम
एक   यार   छोड़   के   नया   यार   लाये   हो   तुम

अभी   तो   सजा   के   रख  लोगे   गुलदान   में
गर ये भी पुराना हो गया तो फिर  नया लाओगे  तुम 

                                                            ✍️ अमितेश निषाद पुराना  तोहफा  बेच  के  नया  तोहफा  लाये  हो  तुम
एक   यार   छोड़   के   नया   यार   लाये   हो   तुम

अभी   तो   सजा   के   रख  लोगे   गुलदान   में
गर ये भी पुराना हो गया तो फिर  नया लाओगे  तुम 

                                                            ✍️ अमितेश निषाद

पुराना तोहफा बेच के नया तोहफा लाये हो तुम एक यार छोड़ के नया यार लाये हो तुम अभी तो सजा के रख लोगे गुलदान में गर ये भी पुराना हो गया तो फिर नया लाओगे तुम ✍️ अमितेश निषाद

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✍ अमितेश निषाद

परेशां रहती हो मेरी उन्माद से
खामोश समंदर हो जाऊं क्या

बहता था तुम्हारी रगों में शान बनकर
आशमान का छोटा परिंदा हो जाऊं क्या

                                    ✍️ अमितेश निषाद परेशां रहती हो मेरी उन्माद से
खामोश समंदर हो जाऊं क्या

बहता था तुम्हारी रगों में शान बनकर
आशमान का छोटा परिंदा हो जाऊं क्या

परेशां रहती हो मेरी उन्माद से खामोश समंदर हो जाऊं क्या बहता था तुम्हारी रगों में शान बनकर आशमान का छोटा परिंदा हो जाऊं क्या

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✍ अमितेश निषाद

वो मुझसे इस शर्त पे प्यार करता है कि तुम मुझसे प्यार करते हो कि नहीं 

                       ✍️ अमितेश निषाद वो मुझसे इस शर्त पे प्यार करता है कि तुम मुझसे करते हो कि नहीं 


             ✍️ अमितेश निषाद

वो मुझसे इस शर्त पे प्यार करता है कि तुम मुझसे करते हो कि नहीं ✍️ अमितेश निषाद

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✍ अमितेश निषाद

बड़े काम के आदमी हो तुम
लगता है आदमी हो तुम 
अरसा हुआ मिले आदमी से
लगता है वही आदमी हो तुम

                                     ✍️   अमितेश निषाद बड़े काम के आदमी हो तुम
लगता है आदमी हो तुम 
अरसा हुआ मिले आदमी से
लगता है वही आदमी हो तुम

बड़े काम के आदमी हो तुम लगता है आदमी हो तुम अरसा हुआ मिले आदमी से लगता है वही आदमी हो तुम

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✍ अमितेश निषाद

इसका मलाल नहीं मेरे शेर सब तक पहुँचे की नहीं

पहले  तू  बता  तेरे  कान  तक  पहुँचे  की  नहीं

                                                    ✍️ अमितेश निषाद

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✍ अमितेश निषाद

पेड़-पौधे

एक नई दुनिया बसाना चाहता हूँ
कुछ नये पेड़-पौधे उगाना चाहता हूँ

जो सहारा बन सके हमारी सांसो का
कुछ इस तरह रिश्ता निभाना चाहता हूँ

तुझसे  होती  हैं  खूब  बारिशें
बारिशों में कागज की नाव चाहत  हूँ

सब  हवन  करने  पर  तुले  हैं  मगर
मैं  तुम्हे  हवन  से  बचाना  चाहता  हूँ

एक  नई  दुनिया  बसाना  चाहता  हूँ
कुछ नये पेड़-पौधे उगाना चाहता हूँ

                                      🖊️ अमितेश निषाद पेड़-पौधे

एक नई दुनिया बसाना चाहता हूँ
कुछ नये पेड़-पौधे उगाना चाहता हूँ

जो सहारा बन सके हमारी सांसो का
कुछ इस तरह रिश्ता निभाना चाहता हूँ

पेड़-पौधे एक नई दुनिया बसाना चाहता हूँ कुछ नये पेड़-पौधे उगाना चाहता हूँ जो सहारा बन सके हमारी सांसो का कुछ इस तरह रिश्ता निभाना चाहता हूँ

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