दील में रखी तन्हाई को बैच कर ,
सोचतयी हूं , रातों का स्कुंन खरीद लू।
इच्छा
सुनो़ ना.......प्रेम क्या है... 💞
❤️ प्रेम .......
जिसमें शिकायतों का इख्तियार
दोनों को है .... मगर ,रुसवा हो कर भूलने का हक किसी को नहीं ......!!
❤️ प्रेम .....
जिसमें प्यार से भरे इलज़ाम
की अदा दोनों पर है ... मगर ,
बेवफा होने का हक किसी को नहीं ......!! #कविता