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rupeshsoni3137
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Rupesh Soni

और क्या लिखूँ अपने बारे में, शब्दों को मुझसे ही जलन हो जाती है।

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Rupesh Soni

White सब्र तो आ जायेगी ज़िन्दगी में

पर उन अरमानों का क्या,

जो खाक से निकलकर शाख बनना चाहते थे,

उलझनों से लड़कर जो बेबाक बनना चाहते थे।

रहमत होगा खुदा का, बरकत होगी नूर की,

दरियादिल रूह लेकर, वो जो रूह -ऐ- पाक बनना चाहते थे।।

©Rupesh Soni
  #Sad_shayri
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Rupesh Soni

White इस भागदौड़ भरी दुनियाँ में, मैं सनसनीखेज हो गया हूँ,

उम्र से ज्यादा और तजुर्बे से तेज़ हो गया हूँ,

रख अरमानों को मैं अपने उस जहाँ से दरकिनार,

कसमकस ज़िन्दगी के तले, मैं तो लबरेज़ हो गया हूँ।।

©Rupesh Soni
  #alone_sad_shayri
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Rupesh Soni

White मसला-ऐ- ख़फ़ा लिख दूँ,
या तेरे नाम के आगे सफ़ा लिख दूँ,
दरमियानों के हर्फ़ पिरो कर इस दिल में,
 रूह की आरज़ू लिख दूँ ,
या इस नूह की वफ़ा लिख दूँ।।

©Rupesh Soni
  #Couple
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Rupesh Soni

कि बेशक़ अपनी बात रखो,
आग्रह करो, मनाओ,
पर मिर्ज़ा दूसरों की टांग खिंच कर नहीं।
अपनी गलतियों की भरपाई करो,
पर किसी पर इल्म लगा कर नहीं।।
रुख़तसर हुए आप अपनी ख़ातिर,
यूँ गैरों की कमाई पर नज़र कर नहीं।।
आधार बनाओ अपनी कबिलियत का
औरों पर नजरें धार कर नहीं।
ज़माने ने क्या कहा, क्या देखा, क्या सुना,
तुम वही करो जो लगती तुम्हे सही,
फिर भी मिर्ज़ा अपनों पे वार कर नहीं।।

©Rupesh Soni
  #fisherman
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Rupesh Soni

#Hope
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Rupesh Soni

खैरियत भरी सफा लिख दूँ उसके नाम,

मोहब्बत में बद्दुआ कहाँ क़बूल होती है।

दिल जलाये हों लाख उसने हमारे,

मगर.....

मौसिक़ी की भी तो कुछ उसूल होती है।।

©Rupesh Soni
  #DiyaSalaai
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Rupesh Soni

#kahanisuno
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Rupesh Soni

बच्चे के पैदा होने से उसके मरने तक,

"माँ" तो रोज़ होती है।

फिर एक ही दिन कैसा ????

©Rupesh Soni
  #MothersDay
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Rupesh Soni

यूँ दरमियाँ है कहाँ इस ख़्याल के ख़तों में।

हक़ीक़त जब रूबरू हुई ,

दरमियानों का हुजूम उमड़ पड़ा।।

क्या गिला ,क्या शिक़वे थे उन सभी नफ़स में,

मिले जब दो दिलों का अंजुम घुमड़ पड़ा।।

©Rupesh Soni
  #sadquote
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Rupesh Soni

#emotionalstory
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