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govindbagariya4219
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Govind Bagariya

Looking for meaning of life. A learner of life puzzles.

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Govind Bagariya

Education is the passport to the future, for tomorrow belongs to those who prepare for it today. #Quotes

Education is the passport to the future, for tomorrow belongs to those who prepare for it today. #Quotes

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Govind Bagariya

The function of education is to teach one to think intensively and to think critically. Intelligence plus character - that is the goal of true education. Martin Luther King, Jr. #Quotes

The function of education is to teach one to think intensively and to think critically. Intelligence plus character - that is the goal of true education. Martin Luther King, Jr. #Quotes

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Govind Bagariya

ख़ुशी का कोई नाम, चेहरा, नियम नहीं होता और अकसर तो राहतें भी बड़ी मासूम होती हैं। #Humour

ख़ुशी का कोई नाम, चेहरा, नियम नहीं होता और अकसर तो राहतें भी बड़ी मासूम होती हैं। #Humour

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Govind Bagariya

कुछ दिन पहले उनके साथ रहने वाली एक दोस्त से पता चला, वो अब शांत रहने लगी है... लिखने लगी है, मसूरी भी घूम आई, लाल डिब्बे पर अँधेरे तक बैठी रही। आधी रात को अचानक से उनका मन अब चाय पीने को करता है। और मैं... मैं भी अब अक्सर कॉफी पी लेता हूँ किसी महँगी जगह बैठकर। "गुलज़ार" रात को अक्सर कॉफी पिया करता हूँ... आज यूँ ही गुलज़ार साहब की लिखी कुछ पंक्तियाँ याद आ गयीं तो उन्हें अपनी कॉफी के साथ आप सबके साथ शेयर कर लिया.... बस ये ही कुछ वजह हैं मेरे पास कभी कभार मुस्कुराने को.. और क्या जिंदगानी है..... #Books

कुछ दिन पहले उनके साथ रहने वाली एक दोस्त से पता चला, वो अब शांत रहने लगी है... लिखने लगी है, मसूरी भी घूम आई, लाल डिब्बे पर अँधेरे तक बैठी रही। आधी रात को अचानक से उनका मन अब चाय पीने को करता है। और मैं... मैं भी अब अक्सर कॉफी पी लेता हूँ किसी महँगी जगह बैठकर। "गुलज़ार" रात को अक्सर कॉफी पिया करता हूँ... आज यूँ ही गुलज़ार साहब की लिखी कुछ पंक्तियाँ याद आ गयीं तो उन्हें अपनी कॉफी के साथ आप सबके साथ शेयर कर लिया.... बस ये ही कुछ वजह हैं मेरे पास कभी कभार मुस्कुराने को.. और क्या जिंदगानी है..... #Books

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Govind Bagariya

 वो सुबह कभी तो आएगी,
इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा,
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा,
 जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी,
 वो सुबह कभी तो आएगी जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं ,
जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं,
 इन भूकी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी वो सुबह कभी तो आएगी माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्क

वो सुबह कभी तो आएगी, इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा, जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा, जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी, वो सुबह कभी तो आएगी जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं , जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं, इन भूकी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी वो सुबह कभी तो आएगी माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्क #Quotes

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Govind Bagariya

वो सुबह कभी तो आएगी, इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा, जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा, जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी, वो सुबह कभी तो आएगी जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं , जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं, इन भूकी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी वो सुबह कभी तो आएगी माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्क #Quotes

वो सुबह कभी तो आएगी, इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा, जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा, जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी, वो सुबह कभी तो आएगी जिस सुबह की ख़ातिर जुग जुग से हम सब मर मर के जीते हैं , जिस सुबह के अमृत की धुन में हम ज़हर के प्याले पीते हैं, इन भूकी प्यासी रूहों पर इक दिन तो करम फ़रमाएगी वो सुबह कभी तो आएगी माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की क़ीमत कुछ भी नहीं मिट्टी का भी है कुछ मोल मगर इन्सानों की क़ीमत कुछ भी नहीं इन्सानों की इज्जत जब झूठे सिक्क #Quotes

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