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aryavratyadav3650
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The Frustrated Nagrik

Hey, this is Aryavrat Yadav. Thank you ♡♡♡♡

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The Frustrated Nagrik

तुम हो कहीं न कहीं मेरे कल से जुड़ी

इतना ही काफी है..

जी हुज़ूरी में हैं नज़रें मेरी 

आज भी आपके नैना नवाबी हैं

तुम हो कहीं न कहीं मेरे कल से जुड़ी

इतना ही काफी है..

©The Frustrated Nagrik #Thefrustratednagrik 
#Shwetarya 

#colours
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The Frustrated Nagrik

मेरे ख्वाबों का दायरा है जहां तक

एक राह जाती है तेरे भी घर तक

बाकी राहें दिखती हैं मुकम्मल कहीं-न-कहीं

 बस तेरे वास्ते हैं जो रास्ते, सूने रहेंगे कब तलख..

©The Frustrated Nagrik #Thefrustratednagrik 
#Shwetarya 
#Anhoni ho na ho
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The Frustrated Nagrik

खुद से ही थक चुके हैं हम

कब तक ये नाराजी होगी

मनाने को तो हाजिर ही नहीं हैं वो

कब तक मुझसे ये दिखावे की नवाबी होगी

खुद से ही थक चुके हैं हम

कब तक ये नाराजी होगी

अभी तो बुझ - बुझ  कर जलता है दीया

न जाने कब तक बाती में जान होगी...

©The Frustrated Nagrik #Thefrustratednagrik 

#Light
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The Frustrated Nagrik

सोचता हूं खुदा से कर लूं मोहब्बत
 
शायद कुछ हौसला मिल जाए..

फिर मर के भी देख लेंगें

शायद जीने की वजह मिल जाए...

©The Frustrated Nagrik #Thefrustratednagrik 
#Shwetarya 

#Rose
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The Frustrated Nagrik

खुदगर्जी में गुमसुम यूं ही नहीं हैं

किसी ने अपना माना कहां हैं..

इस रूठेपन की वजह पूछते हैं 

 पर हमदर्दी की कोई वजह कहां है...

©The Frustrated Nagrik #thefrustednagrik 
#Shwetarya 

#Morning
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The Frustrated Nagrik

इक माशूका से शिद्दत ए इश्क किये जा रहें हैं

मरहूम बनकर... परछाई से फिरे जा रहें हैं

 हालात हैं ऐसे न हो किसी के 

मरने से पहले ही... खुद की इद्दत किये जा रहें हैं..

©The Frustrated Nagrik #Thefrustratednagrik #Shwetarya 

#OneSeason
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The Frustrated Nagrik

दर्द दिल में था मेरे  ना आ सका बाहर मगर 

आंसू तक ना आते थे  रोना चाहता खूब पर

 तेरे इश्क की जब प्रीत लगी तो  रुत भी उसके संग चढ़ी

 सुद बुद खो गई सब मेरी मैं तुझ में खोता हर पहर 

प्रेम से भरपूर मै पर नीचे बहती विरह की लहर 

मुझे फक्र है मेरे प्रेम पर अब ना रहा कोई वहम

आज तक वह भरा नहीं जो वक्त ने दिया जख्म

प्रेम मेरा चांद सा तेरा तो पूरी धरा 

मैं जी रहा हूं मर कर तू भी होगी कैसी भला

दिल में तेरा नाम है पर  कुछ दर्द सा शायद इधर

कहता मैं कुछ और भी सांस रुक रही मगर 

काश एक आखिरी लग पांऊ गले 

मैं  खो पाऊं उस नैन में 

रैन रैन सा हो रहा है मेरे दोनों नैन में

करती थोड़ी और बातें सांस मेरी थमती अगर

तेरी यादों की वर्षा हो रही है  तेरे प्रेम के इस जहन में 

तारा बनकर ढूढूंगा तुझको  इस सुनहरे जमीन और गगन में
 
वैसे तो मरना था नहीं  मर गया बस इस वजह

तारे तो हम देख ना सके पर  तू देखेगी मुझको उनकी जगह 

आके कर ले  मुझसे बातें मुर्दे से मिलने में कैसी फिक्र

मेरे जिस्म की हर राख में मिलेगा तुझको तेरा जिक्र...

©The Frustrated Nagrik #thefrustratednagrik

#Trees
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The Frustrated Nagrik

कुछ होता  तो शायद 

कुछ और होता

 कुछ तो है पर कहां 

 कुछ और  है..

©The Frustrated Nagrik #OneSeason
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The Frustrated Nagrik

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The Frustrated Nagrik

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