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taufiqahmad8011
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Taufiq Ahmad

निःशब्द

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Taufiq Ahmad

जिंदगी कहाँ ले चलूं तुझे
बता जरा
आंखों की तपती पलको से निकले कोई नीर नही
जफ़ा की जंग में सुख गया गला
जिंदगी कहाँ ले चलूं तुझे 
बता जरा

पत्थर की मूरत बन कब तक जीएगा
इठलाती सर्द जफ़ा का लिहाफ कब तक बनेगा
गर जिंदा है तो, सजा की खता बता
जिंदगी कहां ले चलूं तुझे
बता जरा

वो मेरे नशेमन का पियाला था
बेचैन होती रगों का हाला था
ढूंढ लाया मैं उसे जहां से
वो निकला आबे हरम था
जिंदगी कहाँ ले चलूं तुझे
बता जरा।

उसे यकीं दिलाता रहा अपनी इबादत का
शबे रात से लेकर, काली श्याह तक
उसने झुठला दिया मेरे इश्के अदब को
कहकर दरीचे हैं मतलब भरा
जिंदगी कहाँ ले चलूं तुझे
बता जरा।
   (निःशब्द)

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Taufiq Ahmad

आज उसे लगता है मै एहसान किया करता हूँ
उसके साथ रहने का बहाना किया करता हूँ
है आज दर्द मेरे रूहे चमन में
कह गयी वो मतलबी परस्त  रहा करता हूँ।
अब क्या बयां करूँ ऐ 'तौफीक़'
हमदर्द की पहचान में अब चुक किया करता हूँ।
                 ......निःशब्द..... दर्द

दर्द #शायरी

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Taufiq Ahmad

लेखपाल आंदोलित क्यों?
--------------------
ये दंड नही शृंगार है
लेखपाल की यही मांग है
2800 से कम नही
चाहे जेल भरो,
चाहे करो सस्पेंसन की बौछार है।

            "निःशब्द" लेखपाल हड़ताल पर है।

लेखपाल हड़ताल पर है।

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Taufiq Ahmad

भीड़ से तन्हाई तक 
हर लम्हा तू मुझमे उतर आयी है

जब तू पास होती है 
जैसे घूंघट से कोई चाँदनी निकल आई है।

टिमटिमाती आंखों से कलरव करती
तू काजल बन काली घटा सी छाई है।

पिघलते हिम सा यौवन है तेरा
तू उसमे मुझे बहा लायी है।

दिल के तार से जब भी तुझे पुकारा
तू इश्के  कबूतर बन मेरे आंगन आयी है।

हुश्न की देवी कहूँ या बला की खूबसूरत
तू फलक से जमी पर अप्सरा बन उतर आई है।

तूने इश्क का सुरूर चढा दिया ऐसा 
कि हर शै में नशा सी  छाई है।

भीड़ से तन्हाई तक 
हर लम्हा तू मुझमे उतर आयी है।
    
                                    (निःशब्द) भीड़ से तन्हाई तक 
हर लम्हा तू मुझमे उतर आयी है।

भीड़ से तन्हाई तक हर लम्हा तू मुझमे उतर आयी है। #शायरी

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Taufiq Ahmad

हसरते जिंदा है 
खुद के वफ़ा होने से
वरना
लोग तो खाक को भी गिरवी रख देते है।
हम आज की खूबसूरती को देखते रहे
और नक़ाब  जमाने को गुमराह कर देते है।
जरा संभल कर चला कर तौफ़ीक़
वरना
परछाई भी खुद को बेगाना कर देते है।
   
-------(निःशब्द)------- सम्भल कर चला कर...

सम्भल कर चला कर...

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Taufiq Ahmad

 नशा ढूंढ़ता हूं...

नशा ढूंढ़ता हूं... #nojotophoto

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Taufiq Ahmad

#जयहिंद
सुन ले पाकिस्तान तेरे दिन अब जाने वाले है

#जयहिंद सुन ले पाकिस्तान तेरे दिन अब जाने वाले है

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Taufiq Ahmad

मां की वेदना...

मां की वेदना...

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Taufiq Ahmad

 तेरा नशा...💐

तेरा नशा...💐

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Taufiq Ahmad

तू समंदर है....

तू समंदर है....

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