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RaamG

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RaamG

Kaushambi pride डिजिटल  लाइब्रेरी









पता:- जवई पडरी रोड (इंद्रपाल सिंह महाविद्यालय से पहले) उदहिन बुजुर्ग, सिराथू , कौशांबी

©RaamG
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RaamG

Kaushambi pride डिजिटल  लाइब्रेरी









पता:- जवई पडरी रोड (इंद्रपाल सिंह महाविद्यालय से पहले) उदहिन बुजुर्ग, सिराथू , कौशांबी

©RaamG
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RaamG

मर्त्य मानव की विजय का तूर्य हूँ मैं,
उर्वशी! अपने समय का सूर्य हूँ मैं
अंध तम के भाल पर पावक जलाता
बादलों के सीस पर स्यंदन चलाता
पर, न जानें, बात क्या है !
.
इन्द्र का आयुध पुरुष जो झेल सकता है,
सिंह से बाँहें मिलाकर खेल सकता है,
.
फूल के आगे वही असहाय हो जाता
शक्ति के रहते हुए निरुपाय हो जाता
विद्ध हो जाता सहज बंकिम नयन के बाण से
 जीत लेती रूपसी नारी उसे मुस्कान से !!
- समधारी सिंह दिनकर

©RaamG
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RaamG

दिल से ना निकलेगी मर कर भी वतन की उल्फत मेरी,
मिट्टी से भी खुशबू ऐ वतन आएगी...

©RaamG
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RaamG

घर में सबसे छोटा होना भी कमाल होता है,
सबके लाड प्यार और डांट में पलना भी लाजवाब होता है।
छोटा बड़ा होकर भी सदा छोटा ही होता है,
पर बड़ा भाई बेचारा छोटा भी होकर बड़ा ही होता है।
जब बड़े भाई पर आ जाती है #जिम्मेदारी जल्दी,
तो वह अपने छोटे के #सपनों को ही अपना समझ उसके साथ होता है।
उसे किसी बात की कमी न हो इसके लिए तत्पर वह सदा होता है,
उसके सपनों के लिए वह अधिक जिम्मेदार बन बैठा होता है।
अपने पसंद की चीजों का भी कुछ अंश वह छोटे को देता होता है,
बड़ा भाई भी देखो कितना अधिक सदा प्यारा होता है।
वह उसकी सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए #पिता जैसा बन बैठा होता है,
उसका #भ्रातृत्व प्रेम देख छोटा भाव विभोर होता है।
कोई हो न हो जिंदगी में वह सदैव होता है,
#हर क्षण हर लम्हे पर वह सदा मेरे साथ होता है।

कुछ टूटे फूटे शब्दों के प्रयोग से तहे दिल से जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बड़े भाई💑

©RaamG
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RaamG

घर में सबसे छोटा होना भी कमाल होता है,
सबके लाड प्यार और डांट में पलना भी लाजवाब होता है।
छोटा बड़ा होकर भी सदा छोटा ही होता है,
पर बड़ा भाई बेचारा छोटा भी होकर बड़ा ही होता है।
जब बड़े भाई पर आ जाती है #जिम्मेदारी जल्दी,
तो वह अपने छोटे के #सपनों को ही अपना समझ उसके साथ होता है।
उसे किसी बात की कमी न हो इसके लिए तत्पर वह सदा होता है,
उसके सपनों के लिए वह अधिक जिम्मेदार बन बैठा होता है।
अपने पसंद की चीजों का भी कुछ अंश वह छोटे को देता होता है,
बड़ा भाई भी देखो कितना अधिक सदा प्यारा होता है।
वह उसकी सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए #पिता जैसा बन बैठा होता है,
उसका #भ्रातृत्व प्रेम देख छोटा भाव विभोर होता है।
कोई हो न हो जिंदगी में वह सदैव होता है,
#हर क्षण हर लम्हे पर वह सदा मेरे साथ होता है।

कुछ टूटे फूटे शब्दों के प्रयोग से जन्मदिवस की तहे दिल से हार्दिक शुभकामनाएं बड़े भाई💑

©RaamG
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RaamG

सुनो द्रौपदी! शस्त्र उठा लो
अब गोविंद ना आयेंगे... 
अगर वो हमेशा आते रहे तो...
 तुम शक्ति कैसे बन पाओगी।
कब तक आस लगाओगी तुम उस कान्हा मतवाले से
आत्मरक्षा के लिए तुम भी
अत्याचारियों पर वार करो।
सुनो द्रौपदी! काली बन लो
अब वैसा समय न आएगा...
जब केशव तुम्हें बचाने को
रावण से लड़ जायेंगे।
खुद के अस्तित्व के खातिर अब 
तुम ही दुष्टों का नरसंहार करो।
सुनो द्रौपदी! दुर्गा बन लो
समय की यही पुकार है...
शक्ति का रूप धारण कर तुम,
पापियों का भक्षण करो।
सुनो द्रौपदी! लक्ष्मी बन लो
कब तक खैर मनाओगी...
विरोधियों पर विजय प्राप्त कर 
तेजसता को ग्रहण करो।
सुनो द्रौपदी! कुष्मांडा बन लो
तुम संयमता को प्राप्त करो...
एक हाथ में सिद्धियों से युक्त माला
 तो दूसरे में चक्र, बाण रखो।
सुनो द्रौपदी! शैलपुत्री बन लो
अपमान से अब तुम ना डरो... 
एक हाथ में कमल पुष्प और 
दूसरे में त्रिशूल से अपनी लाज रखो।
सुनो द्रौपदी! सरस्वती बन लो,
ज्ञान से सबको परास्त करो...
जो ज्यादा बोले तुमसे
दृढ़ता से उसका तुम कटाक्ष करो।
सुनो द्रौपदी! सब नहीं इनमें से 
केवल एक ही बन लो,
उतना ही काफी है...
भेदभावी उत्पीड़न से बचने को
शक्ति से खुद को बेड़ियों से पार करो।

©RaamG
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RaamG

?                                                                                                                          📌ईश्वर है या नहीं ये तो पता नहीं, लेकिन अगर है भी तो उसे नहीं होना चाहिए था क्योंकि जैसा हिन्दू धर्म में बताया जाता है वह सब देख रहा है अगर देख रहा है तो इतना तो निर्दयी नहीं होना चाहिए था और अगर हो भी तो वो भी कोई महापुरुष भले रहा होगा कालांतर में। हम सोचते हैं कि वो हमारे दुखों को, संसार के दुखों को वरण करेगा और कहा गया है कि कलियुग के अंत में कल्कि अवतार होगा और वो सारे पापियों (अत्याचारियों ) का अंत करेंगे लेकिन उसके पहले ये जो हो रहा है उसका समाधान का क्या... और जिन पर ये अत्याचार हो रहें हैं क्या उन्हें पुनः यह जीवन मिलेगा परंतु ऐसी मार्मिक, दर्दनाक आहत कर देने वाली घटनाएं समाज से सामने निकल कर आती हैं कि ईश्वर के अस्तित्व पर प्रश्न उत्पन्न करती हैं और करना भी चाहिए शायद इन्हीं वजहों से जैन दर्शन ने ईश्वर के अस्तित्व पर अस्वीकरण प्रस्तुत करते हुए कहा है कि पहले तो ईश्वर है नहीं और यदि होगा भी तो वह तीर्थंकरों (गुरुओं) के पश्चात् ही वह हो सकता है।
    📌 वर्तमान समय में ऐसी हृदय को द्रवित कर देने वाली घटनाएं हिन्दू समुदाय से आ रही हैं जिनकी आज्ञा हिन्दू धर्म ग्रंथ (और कोई भी भारतीय धर्म या ग्रंथ) नहीं देते हैं फिर भी लोगों द्वारा ऐसी शर्मनाक दिल दहला देने वाली घटनाएं अमानवीयता को प्रस्तुत करती हैं। अगर ये हिन्दू भी हैं तो ऐसे हिन्दू होने से क्या... जन्म, जाति या नाम से केवल खुद के हिन्दू होने पर गर्व हो तो वह गर्व नहीं, इस पर धिक्कार है, अगर कर्म धर्म संगत, और सद्चरित्रता के विपरीत होकर समाज के लिए दुखदायी और कष्टप्रद हों। कर्म और कर्तव्य से हिन्दू हों तो गर्व है उस पर परन्तु उसके नाम पर या केवल कर्मकांड पर हैं तो धिक्कार है क्योंकि धर्म का अर्थ कर्त्तव्य होता है ना कि कोई समुदाय या पार्टी...
    📌 हिन्दू धर्म में बताया गया है कि जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा ठीक है अच्छी बात है मिलना भी चाहिए परन्तु अगर किसी व्यक्ति ने कोई बुरा कर्म किसी दूसरे व्यक्ति के साथ किया तो उसका क्या...उसका जीवन तो लगभग बर्बाद ही हो जाता है उसके विषय में बहुत कम लोग ही विचार करते हैं बस दोषी को सजा दी जाए पर जिस पर वह दोष हुआ लोगों की सोच से वह परे हो जाता है उसके आगामी जीवन के विषय में भी तो मंथन किया जाना चाहिए। यहीं से उत्तपन्न होता है दुःख जिसके विषय में सारे भारतीय दर्शनों ने चिंतन किए हैं और बौद्ध दर्शन में गौतम बुद्ध जी कहते हैं सारा संसार ही दुःख है ।
    ईश्वर है तो वह किसी महापुरुष की भांति रहा होगा जिसने अपने कालखंड में बुराइयों का अन्त किया रहा होगा जिसके कार्यों से मिलने वाले ज्ञान को हमें वरण करना चाहिए मूर्ति के सामने बैठकर उसकी पूजा करने को ही केवल धर्म न मानकर उसके गुणों पर भी विचार करना चाहिए और वरणीय गुणों, विचारों और ज्ञान की ओर ज्यादा अग्रसर होना चाहिए...

©RaamG
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RaamG

फूल(anyone/anything)  रूप गुण(property) में कहीं मिला न तेरा जोड़(unique)।
फिर भी तू फल(result/ keep the family happy)के लिए अपना आसन(naturality/reality) छोड़।।

©RaamG #moonnight
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RaamG

क्यों इतनी, महान होती हैं, स्त्रियां...
क्यों इतने नाजुक दिल की, किन्तु बड़े दिल, की होती हैं, स्त्रियां...
क्यों खुद की भावनाओं को खुद तक, ही रखती हैं, स्त्रियां...
जब अधिक दुख में होती हैं, तो चुपके से, रो लेती हैं...
क्यों इतनी ज्यादा, भोली होती हैं, स्त्रियां...
क्यों दूसरों पर गुस्सा आने पर भी खुद में ही, घुटती हैं, स्त्रियां...
क्यों दुःख के समय अकेली ही पड़, जाती हैं, स्त्रियां...
क्यों पढ़ाई करते वक्त असफलता से परिवार द्वारा शादी को लेकर, डरायी जाती हैं, स्त्रियां...
क्यों अपने परिवार के खातिर अपना प्यार भी छोड़ने को तैयार, हो जाती हैं, स्त्रियां...
लड़के तो बता देते हैं अपने प्यार के बारे में, किन्तु क्यों नहीं, बता पाती हैं, स्त्रियां...
क्यों समाज में पुरुषों से कम समझी जाती हैं, स्त्रियां...
क्यों समाज कहता है, पराई होती हैं, स्त्रियां...
क्यों चुप रहकर दुःख को, सह लेती हैं, स्त्रियां...
क्यों इतनी ज्यादा, सहनशील होती हैं, स्त्रियां...

©RaamG #udaasi
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