यूँ तो पोएट्री लिखने की शुरुआत हमने आज से करीब एक दशक पहले की थी... जब ऑरकुट का दौर था... और ऐप्स के नाम पर सिर्फ ओपेरा मिनी और यूसी ब्राउज़र इत्यादि हुआ करते थे... यूट्यूब था पर उसपे वीडियोस बफ्फरिंग होते थे... फ़ोन भी बटन वाला होता था... पर लिखने का शौक तब भी था... पर सिर्फ खुद की डायरी में... जिसे हमेशा साथ रखना होता था... तब उत्सुकता ऐसी होती थी की कब मौका मिले और किसी को डायरी की शायरी सुना सकें... दोस्त भी अच्छे थे तो तारीफ कर हौसला बढ़ाते थे कभी कुछ पंक्तियाँ सुना दो तो... पर मन बहुत करता था की ये कविताएँ कहीं पर छप पाएं काश... फिर ऐसे ही एक दिन समाचार-पत्र, पत्रिकाएं पढ़ते हुए पता लगा... फिर हमने एक कविता डाक से भेजी जिसका शीर्षक था "ख़ामोशी"... जिसे दैनिक भास्कर अखबार ने छापा था... पहली मर्तबा तो यकीन नहीं हुआ था छपने पर... और वो ख़ुशी जो थी शब्दों में बयां नहीं कर सकता... ऐसे ही हौसला बढ़ा... और भी कुछ पोएट्रिस छपी... जिनमें से एक मुझे याद आता है एक झारखण्ड रीजनल पत्रिका निष्कलंका में "गरीब बच्चे की व्यथा" के नाम से छपी थी... और आज के दौर में जब हम टेक्नोलॉजी के साथ बहुत आगे बढ़ चुके हैं... नोजोटो ने काफी अच्छा प्लेटफार्म दिया है... हम सभी के लिए जो लेखन से प्यार करते हैं... 📝🌱✍️🎭🤳🎶🇮🇳 नोजोटो ही क्यों- अगर कोई पूछे की और भी तो कई सारे ऐप्स हैं. फिर नोजोटो ही क्यों.? तो मैं कहूँगा की नोजोटो में सभी कला को चाहनेवाले और कला प्रेमी हैं... जो आपके जज़्बातों को भली भांति समझ सकते हैं. और दूसरी बात कि ये एक ऐसा मंच है जिसका इंटरफ़ेस बहुत ही अच्छा और बाकी ऐप्स से काफी अलग है. जैसे कि यहाँ पर आप राइटिंग, ऑडियो, वीडियो तीनों फॉर्मेट में अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं. जो की आपको और किसी भी ऐप्स में नहीं मिलता. बाकी हर किसी अच्छी चीज़ के साथ थोड़ी बहुत खामी तो होती है. तो यहाँ पर भी कुछ खामियां हैं. जैसे की यहाँ डेटा खर्च काफी होता है. जिसके कारण बहुत से लोग वीडियोस ज़्यादा मात्रा में नहीं देख पाते हैं. क्योंकि इंसान को और भी काम होते हैं. जैसे की इस लॉकडाउन के मौजूदा हालात में ऑनलाइन क्लासेस, ऑनलाइन मीटिंग्स होती हैं. उसके लिए भी लोगों को डेटा चाहिए होता है. और एक औसत भारतीय के मोबाइल में 1 जीबी पर डे और 1.5 जीबी पर डे का डेटा डला होता है. जो सारे कार्य करने के लिए काफी नहीं है. और एक प्रॉब्लम थी नोजोटो में की अगर आपके प्रोफाइल में 5 के व्यूज हैं तो आपको 50 के व्यूज का नोटिफिकेशन आ जाता था. आई होप की ये प्रॉब्लम सुधर गयी हो. और आशा करता हूँ की डेटा वाली प्रॉब्लम भी जल्द ही सुधर जाये. बाकी अगर आपने मुझे यहाँ तक पढ़ा है तो आपका बहुत बहुत धन्यवाद... लिखते लिखते थोड़ा ज़्यादा हो गया था... और अंत में बस यही कहना है कि- यूँ ही मिलते रहेंगे दिल से दिल की राहों में... कुछ खामोशी भरी बातों में... तो कुछ अनकहे जज़्बातों में...
Chandan Tirkey
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