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HarshivaPrakash

लिखता हूँ बहुत दबे किताबें, पर खुद पन्नों के साथ शब्दों में उलझ जाता हूँ।। "मैं फिर से अपने जीवन में व्यस्त हो जाता हूँ " प्रकाश "प्रतीक" देवभूमि "उत्तराखंड"

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HarshivaPrakash

जब बेइंतहा प्यार होता है?
आस-पास अंधेरा ही अंधेरा होता है।।

©HarshivaPrakash #बेइंतहाप्यार
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HarshivaPrakash

आज गुंजाइश है!
जरा मुस्कुरा तो लूँ
 पलङे नही अब तराजू में
खुद को खुद में "तौल" तो लूँ!
जिंदगी से 
"मोल-भाव"
क्या करना ?
आज गुंजाइश है! जरा मुस्कुरा तो लूँ!!

©HarshivaPrakash #आज_गुंजाइश_है!
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HarshivaPrakash

"मैं"
 खुद से नाराज रहता हूँ,
लोग मुझसे?
"मैं"
खुद को मनाकर,
फिर से काम पर 
लग जाता हूँ!!

©HarshivaPrakash # खुद_को मनाकर 
#walkingalone

# खुद_को मनाकर #walkingalone #Life

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HarshivaPrakash

तेरी खुशी मेरी, और मेरी खुशी तेरी है!
दिल की बात सच "मैं" बयां करूँ तो ,
तू भी रोयेगी  और 
"मैं" 
भी रोऊंगा ।।

©HarshivaPrakash #तेरी_खुशी_मेरी_खुशी

#Love
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HarshivaPrakash

वक्त भी सौदागर है ? साहब !
भाग्य, की लकीर!और समय, की सुई! देखकर सौदे करता है!
भाव को यह खूब पहचानता,
मुनाफ़ा देखकर रिश्ते पहचानता है!!

©HarshivaPrakash #वक्त_भी_सौदागर_है!
#दिल
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HarshivaPrakash

ठोकरें बहुत खाई है ?
ज़िन्दगी का
जो मजा गिकर संभालने में है! 
वो बरसात में भीगने पर कहां,
पीसने की खूशबू भी महकने लगती है!

मंजिल पाने की जिद हो जहां !!

©HarshivaPrakash #ठोकरें_बहुत_खाई_है!
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HarshivaPrakash

#ये_बात_तुम्हे_बतानी_है।

#HeartfeltMessage

ये_बात_तुम्हे_बतानी_है। #HeartfeltMessage #Love

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HarshivaPrakash

#5LinePoetry "यू" कश्ती का खामोश सफर ?
 मद मस्त लहरों से डगमगाता "तन"
खालीपन कैसे दूर करूँ
"मन"कह रहा, खेवैया बन!
अभी सात समंदर और हैं||

©HarshivaPrakash #मन_कहे
#समंदर 
#5LinePoetry 
#समंदर_की_सैर
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HarshivaPrakash

अक़्सर मैं रातों को जागा रहता हूँ!

कि मुझे कोई डरावने सपने न हो जाए ?
खूबसूरत है कयी चेहरे।
जिसकी लत मुझे न लग जाए !!

©HarshivaPrakash #तन्हा_रात
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HarshivaPrakash

तरसे हैं दीदार को तेरे,
छत से नजर गढाये है!
आ जा अब तो रहा न जाता,
सारा सब्र टूट रहा है, मुझसे !
तरसी ऑंखों ने 
कुछ ऐसा कहा दिया है,  
कही  रूठ न जाऊं खुदसे !!

©प्रकाश "प्रतीक" #चांदनी 

#EidChand
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