अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें...
तो ज़ख्म भी चीख उठा... ये लो यहाँ भी अपने मौजूद हैं...
अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें...
तो ज़ख्म भी चीख उठा... ये लो यहाँ भी अपने मौजूद हैं...
Omi Solanki
वो कहती है अपने प्यार को लब्जो में बया करो।
इजहार-ऐ-मोहब्बत करो
उस पगली को कौन समझाये
यह प्यार है लब्जो में बया हो ना पाये
ओर दिल में बात रह नही पाये।
वो कहती है अपने प्यार को लब्जो में बया करो।
इजहार-ऐ-मोहब्बत करो
उस पगली को कौन समझाये
यह प्यार है लब्जो में बया हो ना पाये
ओर दिल में बात रह नही पाये।
Omi Solanki
पत्थर
लाखों सदमें, ढेरों ग़म
फिर भी नहीं है ऑंखें नम !
एक मुद्दत से रोये नहीं,
क्या पत्थर के हो गये हम !
पत्थर
लाखों सदमें, ढेरों ग़म
फिर भी नहीं है ऑंखें नम !
एक मुद्दत से रोये नहीं,
क्या पत्थर के हो गये हम !
Omi Solanki
Omi Solanki
दिल मेरा रहता हमेशा क्यो बेक़रार है
कोई है जिसे करना चाहता इककरार है
वो समझता नही मेरे दिल की जुबा
लब्ज है कि कुछ कह पाते नही
कहने को तो आज कह दे उसे
पर दिल थोड़ा डरता है उसे खोने से
वो कहता कि दोस्त हैं हम
पर दिल मे मेरे उसकी जगह कुछ और हैं #Pyar
दिल मेरा रहता हमेशा क्यो बेक़रार है
कोई है जिसे करना चाहता इककरार है
वो समझता नही मेरे दिल की जुबा
लब्ज है कि कुछ कह पाते नही
कहने को तो आज कह दे उसे
पर दिल थोड़ा डरता है उसे खोने से
वो कहता कि दोस्त हैं हम
पर दिल मे मेरे उसकी जगह कुछ और हैं #Pyar