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priyanjalithakur3675
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Priyanjali

नहीं मैं सिद्धहस्त कवियत्री कोई, भावों से शब्दों की माला बुनती हूँ.....!!! नहीं ज्ञान कवियों सा न ही विधाओं का.... बस जो मन में आता है वही पंक्तियों में लिख देती हूँ....!!! और क्या लिखूं, कैसे लिखूं हर शब्द हर पंक्ति में तुझको लिखूं।। बस थोड़ी सी ही..... बची ये ज़िन्दगानी है........ कुछ तेरी तो........ कुछ मेरी कहानी है.......! कुछ तेरी नई सी है...... .......... कुछ मेरी पुरानी है.....!!

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Priyanjali

Happy Couples Day to All....
बाकी
Caption में पढ़ें.........
🙏🙏🙏🙏🙏

©Priyanjali 💐💐💐 भारतीय पति-पत्नी.💐💐💐
एक बनाया गया *रिश्ता*....!!!
पहले कभी एक दूसरे को *देखा* भी नहीं था.....!!!
अब सारी *जिंदगी* एक दूसरे के साथ बिताना है |                       
पहले *अपरिचित*, 
फिर धीरे धीरे होता है *परिचय* ...!!!
धीरे-धीरे होने वाला *हृदय स्पर्श*,
फिर *नोकझोंक*....

💐💐💐 भारतीय पति-पत्नी.💐💐💐 एक बनाया गया *रिश्ता*....!!! पहले कभी एक दूसरे को *देखा* भी नहीं था.....!!! अब सारी *जिंदगी* एक दूसरे के साथ बिताना है | पहले *अपरिचित*, फिर धीरे धीरे होता है *परिचय* ...!!! धीरे-धीरे होने वाला *हृदय स्पर्श*, फिर *नोकझोंक*.... #समाज

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Priyanjali

नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️

वो प्रिया है, सबको प्रिय है,
मधुर वाणी........,
कर्णप्रिय स्वर.....,
अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से..,
सबका मन मोह ले जाती है......!!!!
सबको पसंद है वो....,
  सबकी चहेती है.........,
श्रेष्ठ पाठिका..........!
नोजोटो की राजकुमारी कहलाती है........।।

वो माणक है, सबकी मन के भाव समझता है....,
"खम्माघनी" बोलके सबको चाय पिलाता है.....!!
मुस्कान रहती है चेहरे पर सदा मासूमियत बेशुमार है....
लंबे चौड़े टिप्पणियों(comments) से.......
 प्रोत्साहित कर सबको...........!
    अपना बना लेता है.............!!!!

विवेक हैं वो...............!!!!!
श्रेष्ठ श्रोता, परम् मित्र, प्रशंसक भी हैं, आलोचक भी हैं,
सबके पोस्ट पर जाते, प्रोत्साहित करते...
मानो बुझते दीये के संरक्षक भी हैं....!!!
विवेक को समझना आसान नहीं...।।
पर समझ जाओगे........
पहले विवेक को तुम समझो, जानो................!!
इसलिए विवेक को अपने विवेक से सुनो.......!!!!

वो रेखा है, "मंजुलाहृदय" है......,
"मंजुला" - सुंदर, मधुर...........,
    "हृदय" की समन्वय है...........!!!!

NCC की कैडेट, उभरती हुई कवियत्री है,
विशाल सपने हैं नयनों में,
मानो अंकुरित बीज के उत्साह की परिचायक है वो....!!!!

©Priyanjali नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️

वो प्रिया है, सबको प्रिय है,
मधुर वाणी........,
कर्णप्रिय स्वर.....,
अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से..,
सबका मन मोह ले जाती है......!!!!
सबको पसंद है वो....,

नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️ वो प्रिया है, सबको प्रिय है, मधुर वाणी........, कर्णप्रिय स्वर....., अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से.., सबका मन मोह ले जाती है......!!!! सबको पसंद है वो...., #Nature #Galaxy #Family #friends #Inspiration #कविता #nojotowriters #NojotoWriter #my_small_world

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Priyanjali

पतिदेव:- तुम डायरी में कविताएं लिखती हो और बंद करके रख देती हो। न किसी अखबार में भेजती हो न पत्रिकाओं में और न ही सोशल मीडिया में पोस्ट करती हो।






मैं:-
Ismein
.
Tum nahi Samjhoge
😂😂😂

©Priyanjali #नशा #Nasha #addiction 
😂😂😂

#Meme
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Priyanjali

तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे....
मैं ओस की बूंद की भांति........
   तुम पर गिर जाऊँगी.........
         मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना.....,
अपने पर थाम लेना मुझको.......
जब फेहरेगि सूर्यकिरण.......
        मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!!

      तुम पवन सँग क्रीड़ा करना......
ताल से ताल मिलाना........
    लहलहाते हुए नृत्य करना......
     मैं तुम सँग कदम मिलाऊंगी....
जब फरहरेगी सूर्यकिरण....
मैं मोती सी चमक उठूंगी....

ओस की बूंद की भांति हो जीवन मेरा.....,
तुमसे शुरू तुम पर ही अंत हो.............,
तुम पर ही रोशन होना.......
तुम पर ही निस्तब्ध हो......
जब आए भरी दोपरहिया...
         मैं पवन में विलीन हो जाऊंगी......,
             वो वियोग विछोह की पीड़ा लिए.......
तुमपर अपनी ऊष्मा छोड़ जाऊँगी...............
जब फेहरेगी सूर्यकिरण......
         मैं मोती सी चमक उठूंगी........!!!!

©Priyanjali तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे....
मैं ओस की बूंद की भांति........
तुम पर गिर जाऊँगी.........
मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना.....,
अपने पर थाम लेना मुझको.......
जब फेहरेगि सूर्यकिरण.......
मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!!

तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे.... मैं ओस की बूंद की भांति........ तुम पर गिर जाऊँगी......... मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना....., अपने पर थाम लेना मुझको....... जब फेहरेगि सूर्यकिरण....... मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!! #कविता #nojotopoetry #nojotowriters #droplets #NojotoWriter

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Priyanjali

नारी मन........!!
     निश्छल........!
          पर कुंठित भी.....!! 
ममता की पराकाष्ठा...........!
स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...!
क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण...........................! 
अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!!

नारी मन.........!!!
प्रेम के लिए व्याकुल...............
विरह की अग्नि में जला भी.....!!
न कोई विरोध न अभियोग........
लाख संभाले चुनरिया............. 
परन्तु दाग लग ही जाते समाज की..........!!!

नारी मन में..........................!
आते सवालों के भूचाल भी.....!!
पर नारी.....
 सबकी मंगलकामना करती.......!
   रक्खे कितने व्रत उपवास भी......!!
विधवा होते ही कभी कहलाए अपशगुन..............!
कभी कहलाए डायन, समाज के लिए अभिशाप भी....!!

फिर भी एक नारी...................!
मूक बनी रहती है....................!
    प्रश्नों की सुनामी रहते मन में......
               पर मुख से कुछ नहीं कहती है....!!
           सबको खुश करने में.......................!!
         हर इल्जाम अपने सर लेती है..........!!!

©Priyanjali नारी मन........!!
     निश्छल........!
          पर कुंठित भी.....!! 
ममता की पराकाष्ठा...........!
स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...!
क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण............! 
अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!!

नारी मन........!! निश्छल........! पर कुंठित भी.....!! ममता की पराकाष्ठा...........! स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...! क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण............! अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!! #Rose #कविता #nojotopoetry #nojotowriters #NojotoWriter

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Priyanjali

वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी......      
     वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......!      
     शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
            बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!!

  समाज के बहाने.....!
   सास के ताने..........!
शायद मिल जायें कुछ बहाने......................
 सोच के सागर में डुबकी लगाए जा रही थी.....!
     शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
              बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!!

वंश बढ़ाने की ये कैसी प्रथा है...,
स्त्री बिना वंश कैसे बढ़ता है.....!
फिर वंश के लिए सिर्फ़ बेटा ही पर्याप्त कैसे........
  बेटी नहीं होगी तो बेटे पेड़ पे उगेंगे जैसे............ !!
दोगलेपन से भरे समाज के............
  मंदबुद्धि सोच पे हँसे जा रही थी.....!!
  शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
            बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी........!!

©Priyanjali वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी......      
वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......!      
शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!!

समाज के बहाने.....!
सास के ताने..........!
शायद मिल जायें कुछ बहाने...................

वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी...... वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......! शायद एहसास हो गया था उसे सच का.......... बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!! समाज के बहाने.....! सास के ताने..........! शायद मिल जायें कुछ बहाने................... #कविता #SuperBloodMoon

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Priyanjali

निरंतर प्रयास और मन की शक्ति से ही, अंधकार भी और प्रकाश भी तुम में ही.!
आफताब के आगे जुगनुओं की औकात क्या,
पर अमावस्या के अंधेरे में......
       आफ़ताब भी है जुगनुओं में ही..!!

मन की उदद्विग्नता को संभाल ले,
भावनाओं के चेतक को लगाम दे।
भावनाओं में बह जाना है मानव स्वभाव,
फिर संभलना.........               
अपनी पीठ खुद थपथपाना......
फिर हौसला ख़ुदको देना.......!!
फिर आसमाँ सूराख करने की ठान ले.........
पंख खोल और एक ऊँची उड़ान ले......!!!!

निरंतर प्रयास औऱ मन की शक्ति को पहचान ले...!
पंख खोल और एक नई, एक ऊँची उड़ान ले....!!!
विवादों से घिरी रही ज़िन्दगी उम्रभर इस ज़मीं पर..!
चल अब आसमाँ की सेर कर, मुक्त पवन में साँस ले...!!
निरंतर प्रयास औऱ मन की शक्ति को पहचान ले...!!!!!

©Priyanjali निरंतर प्रयास औऱ मन की शक्ति में ही..!!
अंधकार भी और प्रकाश भी तुम में ही.!
आफताब के आगे जुगनुओं की औकात क्या,
पर अमावस्या के अंधेरे में......
आफ़ताब भी है जुगनुओं में ही..!!

मन की उदद्विग्नता को संभाल ले,
भावनाओं के चेतक को लगाम दे।

निरंतर प्रयास औऱ मन की शक्ति में ही..!! अंधकार भी और प्रकाश भी तुम में ही.! आफताब के आगे जुगनुओं की औकात क्या, पर अमावस्या के अंधेरे में...... आफ़ताब भी है जुगनुओं में ही..!! मन की उदद्विग्नता को संभाल ले, भावनाओं के चेतक को लगाम दे। #कविता #AdhureVakya

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Priyanjali

फूलों सी मैं कली हूँ गुलाब की......
कल फूल बन जाऊँगी....
आज............
किसीके प्रेम निवेदन की खातिर...
डाली से तोड़ी जाऊँगी..........!!

प्रेम स्वीकार्य होगा तो....
बालों में खोंसी जाऊँगी....
वरना..........
ज़मीन पर फेंकी जाऊँगी.................
पैरों तले रौंद कर मसली जाऊँगी.......

मेरा सुगंध ही मेरी विशिष्टता है...,
सुंदरता ही मेरी पवित्रता है.........
पर..........
यही विशिष्टताएं मेरी विनाश का कारण बनते....
मुझे डाली से तोड़ घरों को सजाया जाता है......
महकाया जाता है.....

यूँ तो भगवान ने भाई दिए हैं.......
सुरक्षा की खातिर काँटे दिए हैं....
पर वो भी विवश नज़र आते हैं.....
जब जब शौक के लिए ऊपर से हम तोड़े गए हैं.......

मुझसे अच्छे तो गुड़हल के फूल हैं......
   माँ काली के चरणों में सजाए जाते हैं.....
पवित्र मन से छुआ जाता है उनको......
मनोकामना पूर्ति हेतु........
     पुष्पांजलि में अर्पित किए जाते हैं..........!!

मैं कली हूँ गुलाब की......
कल फूल बन जाऊँगी....
आज........
    किसीके प्रेम निवेदन की खातिर........
        डाली से तोड़ी जाऊँगी....................!!

प्रेम स्वीकार्य होगा तो....
बालों में खोंसी जाऊँगी....
वरना......
ज़मीन पर फेंकी जाऊँगी.................
पैरों तले रौंद कर मसली जाऊँगी.......

©Priyanjali मैं कली हूँ गुलाब की......
कल फूल बन जाऊँगी....
आज............
किसीके प्रेम निवेदन की खातिर...
डाली से तोड़ी जाऊँगी..........!!

प्रेम स्वीकार्य होगा तो....
बालों में खोंसी जाऊँगी....

मैं कली हूँ गुलाब की...... कल फूल बन जाऊँगी.... आज............ किसीके प्रेम निवेदन की खातिर... डाली से तोड़ी जाऊँगी..........!! प्रेम स्वीकार्य होगा तो.... बालों में खोंसी जाऊँगी.... #Love #ValentineDay #Rose #कविता #roseday #phool #dilkibaat

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Priyanjali

यहां कुछ लोग नाम के साथ नम्बर क्यों बाँट रहे हैं,
किसी मेले में खोए हुए.........!!
अपने भाई बहन की तलाश में हैं क्या।
कृपया उनकी हरसंभव सहायता करें आप सब।
आप सभी से करजोड़ विनती है मेरी,
कृपया उनका सहयोग करें।
आपको बहुत दुआएं मिलेंगी...
😁😁😁😂😂😂😂

©Priyanjali कृपया सहयोग करें

#Morning 
 VIVEK Sudha Tripathi कवि संतोष बड़कुर Drsantosh Tripathi indu singh

कृपया सहयोग करें #Morning VIVEK Sudha Tripathi कवि संतोष बड़कुर Drsantosh Tripathi indu singh #बात

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Priyanjali

मुक्त कर मुझे............
         के मैं उड़ चलूँ...........!
           मुक्त गगन में...........
      पंछियों संग पँख खोलूँ..............!!

आज मुक्त कर मुझे..........
      थोड़ा खुलकर जी लूँ............!
स्वतंत्रता का मय मीठा लागे मोहे....
     थोड़ा पी लेने दे मुझे................
   पीकर थोड़ा मदहोश हो लूँ......
      मत बाँध मुझे................
         आज किसी बंधन में..........
पँख फैलाने दे मुझे आज..........
मुक्त आकाश के आंगन में.....!!

मुक्त कर मुझे दोषारोपण के पिंजरे से..........
समाज के दृष्टिकोण के परे मुझे जाने दे.......
खुदमें ही खुद से मुझे बस खो जाने दे..........🙏🙏🙏
कुछ पल छीन.....
कुछ भावपूर्ण....
कुछ भावविभोर......
कुछ भावविहीन......
थोड़ा रो लूँ........
थोड़ा हँस लूँ.....
ख़ुदको........
खुद की बाहों में लिपट कर..............
आज मैं किसी की नहीं.....
    बस खुद की हो लूँ..............


आज सुगंध सी पवन संग क्रीड़ा करूँ.....
उलझुँ, सुलझुँ संग मिश्रित हो जाउँ........
कुसुमित, प्रस्फुटित पुष्पों से........
दीर्घकालिक वार्तालाप हो मेरी.....
उन वार्तालापों में खो जाउँ....................!!
उन पुष्पों की सुगंध में तुम्हें पाऊं...............
बस मौन ही बातें करें तुम संग...................
मुख से मैं कुछ न बोलूँ.........!!

मुक्त कर मुझे...............
            के मैं उड़ चलूँ..................!
           मुक्त गगन में..............
   पंछियों संग पँख खोलूँ.................!!

©Priyanjali मुक्त कर मुझे............
         के मैं उड़ चलूँ...........!
           मुक्त गगन में...........
      पंछियों संग पँख खोलूँ..............!!

आज मुक्त कर मुझे..........
      थोड़ा खुलकर जी लूँ............!
स्वतंत्रता का मय मीठा लागे मोहे....

मुक्त कर मुझे............ के मैं उड़ चलूँ...........! मुक्त गगन में........... पंछियों संग पँख खोलूँ..............!! आज मुक्त कर मुझे.......... थोड़ा खुलकर जी लूँ............! स्वतंत्रता का मय मीठा लागे मोहे.... #कविता #nojotohindi #nojotowriters #NojotoWriter #HandsOn

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