आज के समय मे उस ताज के जैसे कई ताज बनाये जा सकते है,लेकिन शाहजहाँ का जो प्रेम मुमताज की याद मे उस ताज के लिए था न वो प्रेम ओर ताज मे नही डाला जा सकता है।प्रेम एक ऐसी चीज है जिसमे पड़कर लोग सब कुछ भूल जाते है यह भी एक नशे की तरह होता है ये एक मोंह है,लेकिन आज के समय मे प्रेम समाप्त हो गया है।
-प्रखर विशवारी
P.A Maheshwari
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