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मनीष कुमार पाटीदार

साहित्य लेखन - गीत, ग़ज़ल, कविता लघुकथा

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मनीष कुमार पाटीदार

White किसी बात का इख़्तियार मत करना।
दग़ाबाज़ है बहोत ऐतबार मत करना।

वो  दिखाते रहेंगे सपने यूं ही  हज़ार,
उन सपनों को  शर्मसार मत करना।

फूल खिलेंगे वहीं जहॉं खिलना होगा,
कॉंटों में उलझकर गुहार मत करना।

तमाशा बनने में कहॉं देर लगती है,
लोग हॅंसे काम सोगवार मत करना।

ज़ज्बातो से ये दुनिया चलती रहेगी,
ज़रूरत से ज़्यादा बौछार मत करना।

जो गुज़र गई उतनी बहुत है 'मनीष'
खुद को कभी कसुरवार मत करना।

©मनीष कुमार पाटीदार #GoodMorning
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मनीष कुमार पाटीदार

Good evening quotes in Hindi ढलती शाम में अजीब सी बेबसी है 
पंक्षी घर लौटते ही मॉं को याद करते हैं...

©मनीष कुमार पाटीदार
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मनीष कुमार पाटीदार

White  क्या लिखूं आज के शोर में।
मुड़  जाऊॅं  जिस  ओर  में।

टूटे किनारों से कश्ती दूर,
ले जाऊं कैसे उस छोर में।

याद आते हैं गुज़रे लम्हे,
अब भी हूॅं चितचोर में।

वो  झूठा  अक्स  निकला,
गिनती है जिसकी चोर में।

डर किसी से नही लगता 
सच बातें हैं जब ज़ोर में।

सम्भल गया अब 'मनीष'
चमकता सितारा भोर में।

©मनीष कुमार पाटीदार #love_shayari
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मनीष कुमार पाटीदार

White  क्या लिखूं आज के शोर में।
मुड़  जाऊॅं  जिस  ओर  में।

टूटे किनारों से कश्ती दूर,
ले जाऊं कैसे उस छोर में।

याद आते हैं गुज़रे लम्हे,
अब भी हूॅं चितचोर में।

वो  झूठा  अक्स  निकला,
गिनती है जिसकी चोर में।

डर किसी से नही लगता 
सच बातें हैं जब ज़ोर में।

सम्भल गया अब 'मनीष'
चमकता सितारा भोर में।

©मनीष कुमार पाटीदार #GoodMorning
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मनीष कुमार पाटीदार

White जब सपने थे कुछ बनके दिखाने के तब मॉं थी 
आज सपने पूरे हुए तो हकीकत देखने के लिए मॉं नहीं है।

©मनीष कुमार पाटीदार #sad_quotes
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मनीष कुमार पाटीदार

White सोचते हैं बहुत सोचना आसान है।
दिखाई दे सच, सच भी नादान है।

जो गुज़र गई उसका मलाल नहीं,
जो गुज़र रहा पल वह मेहरबान है।

हर चेहरा जाना पहचाना तो नहीं,
मगर अजनबी भी यहॉं मेहमान है। 

किसी की राह में सहारा बन जाना,
अच्छी आदत में कहॉं नुकसान है।

नज़र तो पैनी रखेंगे अपने काम में,
नज़र में आजकल अच्छे इंसान है‌।

ज्यादा टकटकी न लगाना 'मनीष'
अभी - अभी सफ़र में इम्तिहान है।

©मनीष कुमार पाटीदार #Thinking
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मनीष कुमार पाटीदार

White जब भी सफ़र का आगाज़ किया हमने,
अनकहे चेहरों को आज़ाद किया हमने।

वो कद्र न कर सके कभी मेरे हुनर की,
उठाके तकलीफ़ दिलशाद किया हमने।

©मनीष कुमार पाटीदार #love_shayari
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मनीष कुमार पाटीदार

White  दीप बनकर जलते रहो।
अंधेरे से तुम लड़ते रहो।

कभी तो होगा उजाला,
रोज  सपने  गढ़ते रहो।

किसी  धुंध  में  मिलेगा,
कदम  आगे रखते रहो।

घर रौशन होकर रहेगा,
बस मेहनत करते रहो‌।

संघर्ष में न हारना कभी,
बस  राह में  चलते रहो।

तीर निकलेगा कमान से,
एकलव्य बन बढ़ते रहो।

©मनीष कुमार पाटीदार #sad_quotes
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मनीष कुमार पाटीदार

जिसे तुम हादसों का शहर कहते हो
वो हमारे लिए सपनों का शहर है,
यहॉं आकर गरीब अमीर बन जाता है 
जिसे नाचना नहीं आता 
वो भी नाचने लगता है 
गाने लगता है...  अभिनय करता है...
सबका मनोरंजन करता है...
ऐसे शहर को मैंने बाम्बे से बम्बई
और बम्बई से मुम्बई में बदलते देखा है...
इस शहर में मेरा भी सिक्का उछलेगा...
अपने दम पर... अपनी प्रतिभा के दम पर...!

©मनीष कुमार पाटीदार #City
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मनीष कुमार पाटीदार

Nature Quotes  जब गीत एहसास बनकर आते हैं।
बीते  लम्हें उजास बनकर छाते हैं।

दिल कहे बैठा रहूॅं लम्हों के बीच,
पल-पल खास बनकर  लुभाते हैं।

©मनीष कुमार पाटीदार #Sad_Status
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