Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser7248836709
  • 525Stories
  • 15.7KFollowers
  • 6.1KLove
    8.5LacViews

दीपेश

अंतर्मन मन को लिख दो ये एक महाकाव्य बन जाता है। मन का मंत्र मानो में धंसकर मनोरोग से छाता है और महामंत्र बन जाता है।

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White दुनिया में दुखी बस बाप नही भाई से बड़ी सौगात नही
पढ़ खगोल विद्या सारी  देता है बढ़ा औकात वही
मां बाप से सीखा जो कुछ भी संवर्धित रूप दिखाता है
छोटे भाई के खातिर लड़ता  पढ़ता और पढ़ाता है
दंद फंद दुनिया के सारे कहां बाप बतलाता है
वाह सोख के पानी सागर का बदल सा बरस उगाता
कभी जो उखड़े जड़ थोड़ी वाह मिट्टी भी बन जाता
दोस्त वही सबसे पहला गुरु अंतर्मन सा होता है
वही ब्याह देवरान जेठानी के फिर झांसे में आ जाता है
दोनो भाई ग्रह उपग्रह से दूर भ्रमण में रहते है
प्रथम मित्र गुरु अंतर्मन का फिर बनकर न मिलते है
मां बाप की मर्यादा फिर भी भाई सम्मान नही पाता 
लेकिन सच है की भाई बिन भाई को ज्ञान नही आता
वही सिखाता है साइकल और गेम वही खिलवाता है
पहली सीडी फिल्म की लाकर सारेगामा गाता है
गली मोहल्ला हर कोना बन रक्षक खड़ा हो जाता है
पालन पोषण बस हाथ नही बाकी भाई के बिना कोई बात नही
दुनिया में दुखी बस बाप नही  भाई से बड़ी सौगात नही

©दीपेश #sad_qoute 
#भाई  #Brother
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White कैसे नजरे चार करू
उस रूप मनोहर की रानी से
रूप में पहरा बालो का
कुछ सुंदर जड़ी रूमालो का
कुछ पहरा मेरी नजरो में भी
उन नजरो का जो पहले से रत है
निखरा खोज रहे मुझमें
जो पहले से ही निरखत हैं
कुछ लाज है मेरी आंखों में
की कही लजा ना वो जाए
देख ये चेहरा राहू सा
कहीं चंद्रग्रहण न लग जाए
यह सोच वृषभ के पीछे से
मैं कन्या राशि निहारुगा
बस एक झलक तो मिल जाए
सपनो में ही बस पा लूंगा

©दीपेश #सुंदरी
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

#RadheGovinda
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White मेरे तन मन हाव भाव
गुस्सा जोश खुशी गर्व शर्मिंदी
कौन कहे भावों की भाषा
नही विचारो की होती
मेरी तो हर स्वप्न साधना
अंतर्द्वंद्व की भाषा हिंदी

©दीपेश #hindi_diwas
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White हरियाली तस्वीरों में है
भाग जहां से आए थे
कांक्रीट के स्वप्न सजाकर
कीचड़ से घबराए थे
अब यादों में बसा हुआ है
गांव का फूला गुलदस्ता
कभी जुट का झोला लेकर
लेकर कभी फूल का बुक्का
हैं मन को बहलाती दुनिया
घूम रही हो हक्का बक्का

©दीपेश
  #love_shayari 
#vilagedays
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White आजादी की शुद्ध हवा में
घूम रहे स्वच्छंद सभी
कौन हवा का शोधक है
सोचा क्या है किसी ने कभी
इंफिल्ट्रेशन रोके जो जवां खड़ा है
सारी उल्का से वही लड़ा है
लड्डू पेड़े वाले दिन
हथगोलो से लड़ा पड़ा है
अब सोचो क्या सही ताड़ना
आजादी के सेनानी ने
उसने जवानी खाद बना दी
आजाद हिंद बागवानी में

©दीपेश
  #happy_independence_day #freedomfighter
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White बड़ी मंहगी है आजादी
पड़ोसी अब भी जलते है
हिफाजत में वतन की वीर
शहादत अब भी चुनते हैं
तभी बेफिक्र होकर हम
यहां गलियों में चलते हैं
बुलंदी पर तिरंगा है
बुलंदी से वो जलते है
अभी कुछ और हो अच्छा 
यही हम सोच चलते हैं
तिरंगा और लहराए
जतन कुछ और करते है

©दीपेश
  #happyindependenceday #ilovemyindia #15august #shahadat
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White शुरू संग्राम विश्व का
होगा रन अब खर ओ अश्व का
वैसे तो है खूब फफकता 
दूर दूर से खूब उचकता
अब जाकर टकराएंगे 
और चूर चूर चूर हो जायेगे

©दीपेश
  #Ind_vs_pak
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White तुम हो लेह की झील 
तुम्हारे तट मैं सूखा पर्वत
देख तुम्हे ही खड़ा हुआ हूं
मगर देख ना हरा हुआ हूं
पर देख तुम्हे ही रुका हुआ हूं
देखो अब तक ढहा नही हूं

©दीपेश
  #Lake #लेह
dba287525b8500a0e707a6be21e2ae54

दीपेश

White कौन कहता महबूब की याद ही
है सताती की बीते भले ही सदी 
छोड़कर देखो घर या ही कोई शहर
उठ उठ के आती है कोई लहर
कोई पत्थर कोई छूटी खुटी सही
मन में जमती है यादों की बनकर दही

©दीपेश
  #SAD #यादें
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile