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Söuvick Mukherjee

Author of two books

https://youtu.be/8_enYPihKsA

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Söuvick Mukherjee

तेरे साथ मेरा परिचय जन्म के बाद ही हो गई थी।
एक-एक शब्द को जोड़, एक-एक वाक्य बनाना सीखा।
खुशी के माहौल में
तू मेरे साथ थी
जब मैं खिलखिला के हंस रहा था।
दुख के उस कठिन घड़ी में
खुद की आंसू छुपाए जब मैं
सामने वाले को तसल्ली दे रहा था
तब भी तेरे ही शब्द मेरे ज़बान पर थे।
तू साथ रहकर मुझे, कविताओं का रसपान कराया
तुझ ही में डूब कर मैं, प्रेमचंद से परसाई को पाया।

छोड़कर अपना बचपन, बड़े शहर जब मैं आया
नए लोगों के बीच जब भी मैं
तुझसे परिचित किसी को पाया
दिल मेरा पूरा भर आया।
तेरा साथ, ऐ हिन्दी,
बस ऐसे है मुझपर भाया।

सौविक

©Söuvick Mukherjee
  #Hindidiwas Hindi Diwas Special

#Hindidiwas Hindi Diwas Special #कविता

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Söuvick Mukherjee

जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।

जब सारे लोग गुलामी में अपनी अपनी खुशियां ढूंढ रहे थे
एक सिरफिरा ही देख रहा था आज़ाद होने का सपना।

जब पूरी दुनिया झुक रही थी आधुनिक प्रवृत्तियों की ओर
एक सिरफिरा ही नई प्रवृत्ति बनाने की सोच रहा था।

जब लगभग हर इंसान अपने पेट भरने का उपाय ढूंढ रहा था
एक सिरफिरा ही इस जहाँ को बेहतर बनाने की ओर चल पड़ा था।

जब सारे बुद्धिमान उस तूफान से दूर भाग रहे थे
एक सिरफिरा ही था जो उस तूफान की ओर बढ़ रहा था।

©Söuvick Mukherjee
  #सिरफिरा #hindi_poetry
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Söuvick Mukherjee

किसी ने एक दिन उस पेड़ से कहा-
तू इन पर्वतों को देखकर सीख ले।
किसी भी परिस्थिति में वह झुकते नहीं है
जबकि एक हवा का झोंका भी
तुझे झुका देता है।

यह सुन पेड़ ने मुस्कुरा कर कहा
मैं पर्वत सा बेजान नहीं
जो एक जैसा रहूंगा।
मुझ में जान है
इसीलिए झुकने की क्षमता है।
तू इसे मेरी कमजोरी ना समझ।
हवा के झोंकों से मैं झुकता जरूर हूं
पर टूटता नहीं।

©Söuvick Mukherjee
  पेड़ - एक कविता
#hindi_poetry

पेड़ - एक कविता #hindi_poetry #Poetry

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Söuvick Mukherjee

गुलाब सुंदर है
क्योंकि कांटों के बीच खिलता है।
कमल सुंदर है
क्योंकि कीचड़ के बीच उगता है।
रोशनी को लोग तभी पहचानते हैं
जब वह घने अंधेरे को चीरती है,
वरना धूप में तो
जलती हुई आग भी नजर नहीं आती है।

इसीलिए अगर चारों तरफ अंधेरा दिखे
तो इस बात को गांठ बांध लेना
अपनी रोशनी फैलाने का यह अवसर
शायद ही फिर कभी आएगा।

_सौविक
(२३/०५/२०२३)

©Söuvick Mukherjee
  #HindiPoem
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Söuvick Mukherjee

Dui Bigha Jomi
#Tagore #TagorePoetry  #duibighajomi
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Söuvick Mukherjee

#मेरा_खत

Quarantine creation

#मेरा_खत Quarantine creation

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Söuvick Mukherjee

#lockdown #mypoem
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Söuvick Mukherjee

A poem by Bachchan Saheb

A poem by Bachchan Saheb

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Söuvick Mukherjee

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