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amitdwivedi6797
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Amit Dwivedi

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Amit Dwivedi

https://youtu.be/0QcZsfEqeGs


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Amit Dwivedi

मेरी गली में आ जाना तुम्हे देखे हुए एक अरसा हो गया,
तुम जो आ गए तो समझेंगे सावन का वर्षा हो गया,
तुम जो चले गए मुझे छोड़ के तो अकेला हो गया हूँ मैं,
पुरे मोहल्ले में सरे आम ये चर्चा हो गया। एक पल की फुर्सत

एक पल की फुर्सत

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Amit Dwivedi

क्यों
 ये खुद से पूँछो।


तुम मुझे जानना चाहती हो,
तुम मुझे समझना चाहती हो,
तुम मुझे पढ़ना चाहती हो,
             क्यों
       ये खुद से पूँछो।

तुम मेरी जिंदगी में आना चाहती हो,
तुम मेरी रूह में सामाना चाहती हो,
   तुम मुझे आजमाना चाहती हो,
                  क्यों
           ये खुद से पूँछो।

तुम मेरे नगमों को गुनगुनाना चाहती हो,
   तुम मेरे गीतों को गाना चाहती हो,
 तुम मेरी शायरी को पढ़ना चाहती हो,
                  क्यों
           ये खुद से पूँछो।

तुम मेरे कदम से कदम मिलाना चाहती हो,
तुम मेरे साथ हौसलों की उड़ान चाहती हो,
तुम मेरे बनाये रास्तों पर चलना चाहती हो,
                        क्यों
                 ये खुद से पूँछो।

तुम मेरे एहसासों को समझना चाहती हो,
 तुम मेरे खुशियों को बढ़ाना चाहती हो,
   तुम मेरे दुःखो को बाँटना चाहती हो,
                     क्यों
              ये खुद से पूँछो।

तुम मेरी बातों से कुछ सीखना चाहती हो,
 तुम मेरे बारे में कुछ लिखना चाहती हो
      तुम मेरे जैसे बनना चाहती हो,
                    क्यों
             ये खुद से पूँछो

            अमित द्विवेदी (राम) क्यों
           ये खुद से पूँछो
 By-Amit Dwivedi (Ram)

क्यों ये खुद से पूँछो By-Amit Dwivedi (Ram)

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Amit Dwivedi

कहाँ तलाश करूँ तुझे बहुत बड़ा है जहाँ,
ए मेरी किस्मत तेरा आशियाना है कहाँ,
ये तो बता तू मुझसे क्यूँ रूठी है,
कब बदल जाये तू तेरी भी बात अनूठी है,
किया भरपूर कोशिश तुझे अपना बनाने की,
तू जो रूठ गई है मुझसे तुझे मनाने की,
ये तो बता मुझे कहाँ तेरा ठिकाना है,
अपने कर्म को तेरे साथ लेकर
 मुझे मंजिल तक जाना है,
है कोई शिकवा या शिकायत तो बता,
तेरा पूरा हक है मुझपे उस हक को जता,
नाम है मेरा "अमित" पर एक दिन मिट जाऊंगा,
साथ दे मेरा तू तो अपना नाम अमर कर जाऊंगा,
मुझे अकेला करके ना जाने कहाँ तू खोई है,
क्या शिकायत है तुझे मुझसे क्यूँ तू ऐसे सोई है,
ऐ किस्मत तू मेरा भी कुछ इस तरह मान कर दे,
मेरी जिंदगी में खुशियाँ देके मुझपर एहसान कर दे,

*अमित द्विवेदी राम* किस्मत

किस्मत

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Amit Dwivedi

मृत्यु

मृत्यु

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Amit Dwivedi

मेरी प्यारी बहना अगर,तू होती तो,
अपने भाई होने का हर फर्ज निभाता मैं,

तेरे हर गम को अपना बनाता मैं,
खुद रो कर भी तुझको हँसाता मैं,
तू भी रक्षाबन्धन पर मुझे बांधती राखी,
तुझे अच्छे-अच्छे उपहार दिलाता मैं।

हर दर्द से तुझको बचाता मैं,
दुनियाँ की हर खुशी तुझे दिलाता मैं,
हाँ थोड़ा बहुत तुझे तंग करता पर,
उससे ज्यादा तुझे प्यार भी करता मैं।

जब तू रूठती तुझे मनाता मैं,
तुझे हर बुरी नजर से बचाता मैं,
जितनें भी होते तेरे अरमान जहाँ में,
तेरे सारे अरमानों को पूरा करता मैं।

तेरे कमरे में जबरदस्ती हक जताता मैं,
तेरे मोबाइल फोन को अपना बताता मैं,
और जब तू मुझसे झगड़ा करती तो,
तुझे बन्दरिया बोल के चिढ़ाता मै।

मेरी प्यारी बहना अगर तू होती तो,
अपनें भाई होने का हर फर्ज निभाता मैं।

अमित द्विवेदी (राम) मेरी प्यारी बहना

मेरी प्यारी बहना

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Amit Dwivedi

फूलों से राह सजाना है,जिन्दगी आसान बनाना है,
कुछ सपनें हैं,कुछ उम्मीदें हैं,खरा उनमें उतरना है,
हां है पता मुश्किलें आएँगी बहुत राहों में मेरे,
पार कर उन मुश्किलों को,मंजिल तक मुझे जाना है।

छोटे से बीज से बढ़कर बड़ा बरगद मुझे बनना है,
है जिनकी उम्मीदें जुड़ी उसको पूरा मुझे करना है,
जिसनें  सींचकर बड़ा किया मुझको अपनें आँगन में
सहकर कड़ी धूप खुद,शीतल छाया उनको देना है।

उठकर धरती से,आसमान का सफर मुझे करना है,
कठिनाइयों से लड़ते हुए,डटकर आगे मुझे बढ़ना है,
ना डर है,ना भय है,निडर और निर्भीक मैं बादल हूँ,
सूखी धरती को बारिश बनकर हरा भरा मुझे करना है।

है हौसला मन में ऊँची बुलंदियों को छूने की,
जज्बा है दूर खड़ी अपनी मंजिल को पानें की,
चाहे हो कितना भी अन्धकार इस दुनियाँ में,
सूरज बनकर इस दुनियाँ को रोशन मुझे करना है।

है विश्वास मन में न हारा हूँ और हार न मेरी होगी,
टेकेगी घुटनें अपनें,झुकेगा सर मंजिल का मेरे कदमो में,
मैं बहता जल हूँ दरिया का,समुन्दर में मुझे जाना है,
चाहे पग कैसा भी हो,जीत का रास्ता मुझे बनाना है।

नाम है "अमित" मेरा इस नाम को सार्थक करना है,
माँ बाप का नाम रोशन करके नाम मुझे कमाना है,
आग में जलकर भी राहें आसान बनाना है,
जीतना है तो जीतना है मुझे जीत जाना है।

अमित द्विवेदी (राम)

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Amit Dwivedi

हर मिनट में कोई न कोई इस दुनियाँ को पीछे छोड़ देता है,हम सभी इस line में हैं बिना किसी एहसास के।

हम नही जानते की कितनें लोग हमारे आगे हैं कितनें लोग हमारे पीछे हैं,हम line के आगे भी नही जा सकते,line के पीछे भी नही जा सकते और line के बाहर भी नही जा सकते,हम line से बच नही सकते।

इसलिए हर पल खुश रहो,रिश्ते को बनाये रखो,अपनों को प्यार दो,बड़ो को सम्मान दो,एक दूसरे के साथ रहो,सबकी मदद करो,सबको खुशियाँ दो। मृत्यु

मृत्यु

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Amit Dwivedi

तुम जो चले जाओगे गर मुझे तनहा छोड़ के,
हम कैसे रह पाएंगे गर तुम गए दिल मेरा तोड़ के,
रंजिशें तो अक्सर होती रहती है हर अपनों के बीच में,
पर इसका मतलब ये नही तुम चले जाओ मुँह मोड़ के।

अमित द्विवेदी (राम) तन्हाई

तन्हाई

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Amit Dwivedi

बीत गया बचपन,आ गयी  जवानी,छूटे खेल खिलौने
अब निकलुँगा सफर में जिन्दगी का बोझा ढोने,

दोस्त,परिवार,रिश्तेदार रह गए सब पीछे,छूटा अपनों का प्यार,
भाई का स्नेह छूटा,पिता का अनुराग,माँ का दुलार, सफर

सफर

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