अपने आँचल में सब चाँद तारे लिए
अपनी बाहों के दोनों किनारे लिए
मेरी गुड़िया मेरी जां, मेरी जिंदगी
जी रही हूँ फ़कत मैं तुम्हारे लिए
अंजली श्रीवास्तव
Anjali Srivastav
अपने आँचल में सब चाँद तारे लिए
अपनी बाहों के दोनों किनारे लिए
मेरी गुड़िया मेरी जां, मेरी जिंदगी
जी रही हूँ फ़कत मैं तुम्हारे लिए
अंजली श्रीवास्तव
Anjali Srivastav
दोहे..
तन मन में फुर्ती रहे, काया रहे निरोग ।
आलस को तज कीजिये, अल्प सुबह उठ योग ।।
स्वस्थ रखें तन मन सदा, यही बड़ा धन धान ।
स्वस्थ नहीं हैं आप यदि, जीवन बोझ समान ।।