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rajnishshrivasta4708
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Rajnish Shrivastava

B.E.Civil झीलों की नगरी भोपाल में है मेरा आवास कुछ नया रचने का करता हूं नित प्रयास मन के भावों को कागज पर उतार देने से , दिल को महसूूस होता है सुखद अहसास ।।

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Rajnish Shrivastava

White जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
कष्टो से मुक्त करो खाने को मिले मेवा  ।
अंधेरे का अंत हो खुशियों का हो सवेरा  ।
बल बुद्धि खूब बढ़े सबको मिले कलेवा  ।

©Rajnish Shrivastava
  #Ganesh_chaturthi
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Rajnish Shrivastava

White तुम हो कहां मैं तुम को ही खोजता हूँ। 
तुम से मिलने की हर पल सोचता हूं ।
नजर न आते तुम जमीं से आकाश तक 
कभी तो तुम मिलोगे बस यही सोचता हूं

©Rajnish Shrivastava
  #sad_quotes
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Rajnish Shrivastava

White मैं  समझता रहा जिसे अपना वो पराया निकला ।
अंधेरे में साथ छोड़कर चल दिया मेरा साया निकला ।

©Rajnish Shrivastava
  #sad_quotes
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Rajnish Shrivastava

White शिक्षक जिंदगी को नए आयाम देता है ।
ज्ञान के भंडार का वह सदा इनाम देता है ।
बिन गुरु  ज्ञान का प्रसार हो नही सकता
राष्ट्र में जिसे हर नागरिक सम्मान देता है

©Rajnish Shrivastava
  #teachers_day
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Rajnish Shrivastava

White पूरी न हुई वो आरजू जिसके लिए जी रहे थे हम 
हर कड़वा घूंट जिंदगी का बरसों से पी रहे थे हम 
खोजते रहे हम खुशियां गम के इन अंधेरे साए में 
अंधेरे को उम्र भर उजाला समझ के जी रहे थे हम

©Rajnish Shrivastava
  #good_night
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Rajnish Shrivastava

White हम तरसते रहे मिलाने को नजर तुम से 
तुम तड़पाते रहे झुकाकर नजर हमको 
धड़कने दिल की होने लगी जब बेकाबू
 करीब आ गए हम तुम्हें लेने को बांहो में

©Rajnish Shrivastava
  #love_qoutes
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Rajnish Shrivastava

White दौलत कमाने में लोग इतना मशगूल हो जाते हैं ।
अपना घर सगे संबंधी और मित्रो को भूल जाते हैं ।
दौलत कमाना ही जिंदगी का मकसद हो गया 
यही उसूल अपनाए लोग अपनो से दूर होते जाते है

©Rajnish Shrivastava
  #Sad_Status
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Rajnish Shrivastava

White मैं अब भी अपने आप में वो बचपन खोजता हूं  ।
फिर से उन पलों को जी सकूं ये अक्सर सोचता हूं ।
कहां गए वो मित्र जो साथ खेलते और मस्ती करते
बेफ्रिक  बिंदास उन दोस्तो से मिलने की सोचता हूं ।
जी में आता है काश वो दिन रात फिर से लौट आएं 
उलझनों से बचने बचपन में लौटने की सोचता हूं

©Rajnish Shrivastava
  #Sad_Status
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Rajnish Shrivastava

White मंजिल का पता नहीं और सब चले जा रहे हैं ।
किसी को पता नहीं आखिर हम कहां जा रहे हैं ।

©Rajnish Shrivastava
  #Thinking
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Rajnish Shrivastava

White तुम से मिलने के लिए दिल बेकरार रहता है ।
मिलने के बाद भी तुम से न करार मिलता है ।
इजहार करे भी तो कैसे अपने दिल का हाल 
जुबां से कुछ न कह पाने का मलाल रहता है ।

©Rajnish Shrivastava
  #good_night
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