जीने की ख़्वाहिश न रही अब, अब तो बस मरने का बहाना ढूढ़ता हूँ
कहीं पड़े मिल जाएं चंद टुकड़े खुशियों के ऐसा ठिकाना ढूढ़ता हूँ
जीने की ख़्वाहिश न रही अब, अब तो बस मरने का बहाना ढूढ़ता हूँ
कभी बारिस के पानी में चला करते थे हमारे जहाज
आज बारिस तो बहुत है पर वो गुजरा हुआ जमाना ढूढ़ता हूँ
जीने की ख़्वाहिश न रही अब, अब तो बस मरने का बहाना ढूढ़ता हूँ
#जिन्दगी
Suchitra Jaiswal
हर पल घुट घुट कर जिये जा रहा हूँ
न जाने किस गुनाह की सजा पा रहा हूँ।
याद है मुझे न किया गलत किसी के साथ
न दुःखया दिल किसी का
फिर भी दिल से रोता जा रहा हूँ
न जाने किस गुनाह की सजा पा रहा हूँ।
जिंदगी की राहें है बड़ी कठिन
चलता हूँ कदम फूंक फूंक कर #जीवन#Shayari#सज़ा
Hamein khul ke Jeene Ki Aazadi Na Hoti -2
Agar Tum Na Hote Agar Tum Na Hote
Tumhen Dekhke To Lagta Hai Aise
Aazadi Ka Mausam Aaya Ho Jaise -2
Dikhaayi Na Deti Angrejon Se Mukti
Agar Tum Na Hote Agar Tum Na Hote
Hamein khul ke Jeene Ki Aazadi Na Hoti -2