बच्चों के साथ बच्चा बन पापा खेल लेते हैं
कभी कांधे पर, कभी पीठ पर बिठा ठेल लेते हैं
पैसे न होने पर भी जो बोलो वो सब दिलाते
कभी गुब्बारे,लट्टू, कभी बैटरी वाले रेल लेते हैं !
एक तरफ से माँ थामे रखती है परिवार को
एक तरफ पापा हर मुसीबत खुद पर झेल लेते हैं ! #FathersDay
मुझे मेरी खूबीयों के साथ कमिया भी बताना
मैं कहाँ सही हुं कहाँ गलत मुझे आगाह करना !
अगर अच्छी ना लगे मेरी बातें तो टोक देना
कुछ अच्छी लाइनें सुनाऊं तो वाह वाह करना !
मैं करता हूं वादा तुम्हारी परवाह करने की
और चाहता हूं की तुम भी मेरी परवाह करना ! #dilkibaat