सबसे ख़तरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना
तड़प का न होना
सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
#nojotohindi#themodernpoets#nojotovideo#mohitdwivedi
फिर बरसों के मोह को
एक ज़हर की तरह पीकर
उसने काँपते हाथों से
मेरा हाथ पकड़ा!
चल! क्षणों के सिर पर
एक छत डालें
वह देख! परे – सामने उधर
सच और झूठ के बीच – #कविता#themodernpoets#nojotovideo#mohitdwivedi
Mohit Mudita Dwivedi
आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है,
फिर उभरता है, फिर से बहता है,
न समंदर निगला सका इसको, न तवारीख़ तोड़ पाई है,
वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का।
फ़्रेम में हैं Joshi जी
रचनाकार: गुलज़ार साहब #कविता#nojotohindi#nojotovideo
Mohit Mudita Dwivedi
तीसरा हूँ, ताली हूँ नाच हूँ
एक कविता समाज के उस हिस्से को समर्पित जिसे हम अनदेखा कर देतें हैं
Written & Performed By : Mohit Dwivedi
Video Courtesy: Wordsutra Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Dalchand
Hindi #Poetry#story#कहानी#nojotohindi#nojotovideo