मैंने देखा ख़ुद को घबराते हुए
हां देखा जब हाथ तुम्हें छुड़ाते हुए
वो लम्हा ठहरा था वहीं पर
यू भी देखा एक लम्हे में सब समा जाते हुए
मौत जिसे समझते आए थे हल्के में
देखा रिश्तो को भी दम तोड़ जाते हुए #NationalPressDay
Abhay kumar yadav
क्या करेंगे ये चम चमाते हाइवे देख कर "सहाब"....
बेटियां बेफिक्र घूमें एक गली ऐसी बता...!!
2020 मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं,
लोग तुम्हें धुत्कार रहे हैं,, पता नहीं क्यों?
शायद इसलिए कि इन्हें अपनी गलतियां
स्वीकार करनी नहीं आती। तुम दर्पण
बनकर आए ताकि मनुष्य अपना चेहरा
देख सके और जाने की कितना घिनौना है ये
लेकिन ये उल्टा तुम्हें बदनाम कर रहे।।
खैर... #bye2020
Abhay kumar yadav
आपकी किताब के 365 पन्नों में…
आज से आपका पहला खाली पन्ना शुरू हो रहा है. अपनी जिंदगी की किताब खूबसूरत लिखने की कोशिश करना दोस्तों।
#शुभप्रभात 💐
#Morningvibes
Abhay kumar yadav
दिसंबर का सितम तो देखिए,
आज गुजर जाएगा मुझे इसी हालत में छोड़ कर...
#bye2020