शहर में शोर उठा कि दो चाँद है
छत पर टहलना तुम्हारा जरूरी था क्या? #Poetry
Aditya Rai
चांद❤️
ट्रेन पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली छोड़ रही थी और मैं ट्रेन के स्लिपर क्लास के एक तख्तनुमा जगह पर लेता था शायद मेरी आँख लग गई थी या लगने वाली थी पता न लेकिन हा मैं जाग रहा था दर्द था दिल्ली छोड़ने का अपने पढ़ाई का एक साल बर्बाद होने का
पहले मैं आपको ये तो बता दु की मैंने दिल्ली छोड़ी क्यों ?
हुआ यूं कि मैंने 2015 में इंटर पास की और दिल्ली के रामजस clg में एडमिशन लिया सबकुछ ठीक चल रहा था पर इंसानो ने अपनी आवश्कताओं के हिसाब से दिलवालो की कहि जाने वाली दिल्ली को जहरीली हवा वाली दिल्ली बना दिया था #Books
चांद❤️
ट्रेन पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली छोड़ रही थी और मैं ट्रेन के स्लिपर क्लास के एक तख्तनुमा जगह पर लेता था शायद मेरी आँख लग गई थी या लगने वाली थी पता न लेकिन हा मैं जाग रहा था दर्द था दिल्ली छोड़ने का अपने पढ़ाई का एक साल बर्बाद होने का
पहले मैं आपको ये तो बता दु की मैंने दिल्ली छोड़ी क्यों ?
हुआ यूं कि मैंने 2015 में इंटर पास की और दिल्ली के रामजस clg में एडमिशन लिया सबकुछ ठीक चल रहा था पर इंसानो ने अपनी आवश्कताओं के हिसाब से दिलवालो की कहि जाने वाली दिल्ली को जहरीली हवा वाली दिल्ली बना दिया था #Books
जब चाह थी तब चाह थी अब कोई फर्क नही पड़ता
तेरे आने ,न आने का अब कोई मतलब नही रहता
गर तेरे पास हुस्न के सिवा कुछ नही है तो सुन ले
तू किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जाये तो फर्क नही पड़ता।। #Quotes
जब चाह थी तब चाह थी अब कोई फर्क नही पड़ता
तेरे आने ,न आने का अब कोई मतलब नही रहता
गर तेरे पास हुस्न के सिवा कुछ नही है तो सुन ले
तू किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जाये तो फर्क नही पड़ता।। #Quotes
मैं मिला हु मोहब्ब्त से ,वो मेरे कैंपस में आती है
बहुत नाज़ुक है बहुत करीब से जानता हूं उसे
दिलफेंक भी बहुत है,और दिल लगाती भी नही है।
थोड़ी अड़ियल सी है थोड़ी ज़िद्दी सी है
कहने को तो 18 की हो गई,पर अब भी बच्चों सी है
मुझसे मिलती है तो हर बार नया अहसास दे जाती है
जो कभी चाह कर भी खत्म न हो सके वो बात कर जाती है #Poetry#PM
मैं मिला हु मोहब्ब्त से ,वो मेरे कैंपस में आती है
बहुत नाज़ुक है बहुत करीब से जानता हूं उसे
दिलफेंक भी बहुत है,और दिल लगाती भी नही है।
थोड़ी अड़ियल सी है थोड़ी ज़िद्दी सी है
कहने को तो 18 की हो गई,पर अब भी बच्चों सी है
मुझसे मिलती है तो हर बार नया अहसास दे जाती है
जो कभी चाह कर भी खत्म न हो सके वो बात कर जाती है #Poetry#PM