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DILEEP RAJ AHIRWAR
White ना चाहकर भी तो मिल तो जायेगा ही लेकिन मिलकर भी नहीं मिल पायेगा ©DILEEP RAJ AHIRWAR #love_shayari ना चाहकर भी तो मिल तो जायेगा ही लेकिन मिलकर भी नहीं मिल पायेगा alone sad dp very sad love quotes in hindi status sad sad quo
#love_shayari ना चाहकर भी तो मिल तो जायेगा ही लेकिन मिलकर भी नहीं मिल पायेगा alone sad dp very sad love quotes in hindi status sad sad quo
read moreKulvant Kumar
पतंग को भी इस बात का गुरूर था कि वो आसमान छू सकती है हाथ से छुटी तो मिट्टी में मिल गई ©Kulvant Kumar पतंग को भी इस बात का गुरूर था कि वो आसमान छू सकती है हाथ से छुटी तो मिट्टी में मिल गई
पतंग को भी इस बात का गुरूर था कि वो आसमान छू सकती है हाथ से छुटी तो मिट्टी में मिल गई
read moreneelu
White अगर लेकर ज्यादा खुशी नहीं मिल रही है तो देकर देख लीजिए शायद मिल जाए... ©neelu #sad_quotes अगर #लेकर #ज्यादा खुशी #नहीं मिल रही है तो देख कर देख #लीजिए #लेकरख़्वाबचले
#sad_quotes अगर #लेकर #ज्यादा खुशी #नहीं मिल रही है तो देख कर देख #लीजिए #लेकरख़्वाबचले
read moreAshvani Kumar
जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता, खुद ही आये हँसी तो वही ठीक है, यूं ही ऐसे हँसाना नहीं चाहता, जीतना चाहता हूं सभी से मगर, मैं किसी को हराना नहीं चाहता, भावनाओं को परिणाम मिल जायेगा, और रिश्ते को इक नाम मिल जायेगा, मेरी चोटों को होंठों से छू दो प्रीये , मेरी पीढ़ा को आराम मिल जायेगा।। ©Ashvani Kumar आराम मिल जायेगा
आराम मिल जायेगा
read moreSaurabh Raj Sauri
White राधा त मिल गे मिथे पर मि, रुक्मणि थे खोज्याणु छौँ मि मौत समणी देखी की बि ,अफु थै घौणा घौ लगाणु छौँ कि प्रीत पूरी होंदी नी यख बल, मिल लुखु मा सूणी मि मायादार थै याद रैखी की भी ब्योली खोज्याणु छौँ ©Saurabh Raj Sauri राधा त मिल गे
राधा त मिल गे
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
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