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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्यक्ति का मन भी सदाचारी होने लगता है, भगवान की भक्ति का आगमन होने से परमार्थ की सिद्धि का संचार होने से जीवन जीने की कला आ जाती है।। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व् #मोटिवेशनल
read moreVijay Shankar
White रोते हुए भी अपनी पूरी बात कहने की अद्भुत कला सिर्फ महिलाओं में होती है।। 🤣😂😆 ©Vijay Shankar रोते हुए भी अपनी पूरी बात कहने की अद्भुत कला सिर्फ
रोते हुए भी अपनी पूरी बात कहने की अद्भुत कला सिर्फ #कॉमेडी
read moresuman gaur
केदारनाथ मंदिर का नजारा भैरव बाबा के पास से बहुत मनमोहक दृश्य है हर हर महादेव 🙏🙏 हर हर महादेव #भक्ति
read moreHeer
White कलाकार वो नही जो तस्वीर को कागज पर उतरे, कलाकार तो वो है जो रूह को छाप दे। ©Heer #कलाकार #कला life quotes
Dr.Govind Hersal
White दिन लगभग आधे से ज्यादा ढल चुका था लेकिन सूर्यदेव के दर्शन नही हो पाए थे बारिश अठखेलियां करती हुई कभी धीमे हो जाती तो कभी तेज बरस पड़ती । बस स्टैंड पर रोज की तरह आवाजाही कम थी ,जैसे ही कोई बस आती कुछ 10-12 साल के बच्चे भाग कर बस में चढ़ जाते और बोलते की मूंगफली 10 की ,कचोरी 10 की 2 ,पानी की बोतल ले लो । ये बच्चे अपना बचपन कब का खो चुके थे और बरसात में इस तरह भाग कर पेट की दौड़ पूरा करते रहते । बस को आने में समय होने पर एक साथ बैठ हंसी ठिठोली करते ,सोचो कितना मन रहता होगा स्वछन्द बारिश में भीग जाने का इनका ,मन किया कि जो है सब ख़रीद कर इन्हें कह दूं कि आज की छुट्टी बारिश के मजे लो ,लेकिन लालची सेठ इन्हें शाम से पहले छोड़ने के मूड में नही था ,बड़ा सा पेट लिए उसपे हाथ फेरते हुए बोला ,छोरों बस आ गयी जाओ । बस में बैठ कर थोड़ा आगे चले ही थे कि रामद्वारा मोड़ पर जाम लगा हुआ दिखा ,किसी से पूछने पर कंडक्टर को पता चला कि एक ट्रक बीच सड़क पर खराब हो गया और ड्राइवर उसे वहीं खड़ा कर चाय की चुस्की में मगन हो गया । बस में सब परेशान से नजर आने लगे ,हर ओर से कंडक्टर पर सवालों की बौछार सी हो गई, कितना टाइम और लगेगा कब निकलेंगे यहाँ से वगैरह वगैरह । तभी तपाक से कंडक्टर बोल पड़ा कि मुझे कुछ नहीं पता कितना टाइम लगेगा जिसको जल्दी है जा सकता है ,कुछ लोग जिन्हें अत्यधिक जल्दी थी उतरकर चलते बने ,कुछ अभी भी खुद को तो कभी उस ट्रक वाले को कोसते रहे । हमे भागने की इतनी आदत हो गयी कि कुछ ठहराव के पल मिलने पर भी बेचैन रहते हैं ,सबको जल्दी लगी रहती है पहुँचने की ,क्यों उस वक़्त बैठ कर बारिश को महसूस कर लेते ,गीली मिट्टी की खुश्बू में खुद को कुछ वक़्त समर्पित कर देते ,भुट्टे के स्वाद में रोमांचित हो लेते ,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था । था तो बस मलाल की बहुत देर हो गयी अब तक तो वहाँ पहुँच जाते । ©Dr.Govind Hersal #rajdhani_night दृश्य बारिश पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
#rajdhani_night दृश्य बारिश पर कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreअदनासा-