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Arjun Rawat पार्थ
धाकड़ है हरियाणा
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब #कविता
read moreNimisha Mishra HI
White हम शिक्षक ही नही, बल्कि विशेष शिक्षक है हम सब से अलग शिक्षक है, हम IAS, DOCTOR, ENGEENIOR, नही बनाते, हम अपने बच्चो को समाज में नेक इंसान व्यवहार करना, खाना, पीना, उठाना, बैठना, बोलना ,चलना सिखाते है , समाज से उनका अधिकार दिलवाते है , और उस समय बहुत ही खुशी होती है , जब वह एक कदम भी स्वयं से चलता है स्वयं का काम स्वयं करे, किसी पर निर्भर न रहे । और समावेशी शिक्षा अर्जित करता है। और समानता के साथ प्राकृतिक रूप से अपना जीवन खुशी से यापन करता है । Happy teacher's day all of you विशेष शिक्षक ©Nimisha Mishra HI #teachers_day हम शिक्षक ही नही, बल्कि विशेष शिक्षक है हम सब से अलग शिक्षक है, हम IAS, DOCTOR, ENGEENIOR, नही बनाते, हम अपने बच्चो को समा
#teachers_day हम शिक्षक ही नही, बल्कि विशेष शिक्षक है हम सब से अलग शिक्षक है, हम IAS, DOCTOR, ENGEENIOR, नही बनाते, हम अपने बच्चो को समा #Motivational
read moreManya Parmar
अकेले हर अधिकार रखना, खुद को महान औरों को कुछ नही समझना, बुध्दि सबसे ज्यादा है तो औरत को दबाना, मुसीबत आने पर बुद्धि शांति धैर्य को तिलांजलि #olympics
read moreIndian Kanoon In Hindi
Judgement PROPERTY Rights of Illegitimate Child | नाजायज बच्चे का पिता कि पैतृक सम्पत्ति मे अधिकार #Videos
read moreDevesh Dixit
White कारगिल दिवस सन् 1999 में, कारगिल का युद्ध शुरू हुआ था। सहज नहीं था युद्ध ये, हमारे जवानों का जो लहू बहा था। कुछ घुसपैठिए घुस आए थे, उनको मार भगाना था। अधिकार जो जमाए बैठे थे, उनको शमशान पहुंचाना था। जवान हमारे अड़े रहे, कारगिल को जो पाना था। कई वीर जो हमारे शहीद हुए, उन सबका प्रतिशोध लेना था। छुप कर जो वार कर रहे थे, उन सबको ढूंढ कर मारा था। भारत माता की जय बोल के, दुश्मन का गला काटा था। जवान हमारे सफल हुए, कारगिल पर तिरंगा फहराया था। जिन जवानों को हम खो चुके, उनके घर में मातम छाया था। कैसी थी अनहोनी ये, हिंदुस्तान दुख से थर्राया था। तिरंगा भी उनके सम्मान में, उनसे लिपटा आया था। ...................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #kargil_vijay_diwas #nojotohindi #nojotohindipoetry कारगिल दिवस सन् 1999 में, कारगिल का युद्ध शुरू हुआ था। सहज नहीं था युद्ध ये, हमारे जव
#kargil_vijay_diwas #nojotohindi #nojotohindipoetry कारगिल दिवस सन् 1999 में, कारगिल का युद्ध शुरू हुआ था। सहज नहीं था युद्ध ये, हमारे जव #Poetry #sandiprohila
read moreSudarshan Harbade
भारत सरकार की कैलकुलेशन और महिलाओं के अधिकार #rajivdixit #Shorts #Reels #viral #India #Rajivdixitji #मोटिवेशनल
read moreSudarshan Harbade
भारत सरकार की कैलकुलेशन और महिलाओं के अधिकार #rajivdixit #Shorts #Reels #viral #India #Rajivdixitji #मोटिवेशनल
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।। खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी । जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।। निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे । बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।। गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या । मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।। दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी । देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।। करना आज विचार सब , पग धरना धीरे । बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।। जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे । वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ
उपमान छन्द दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ #कविता
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