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Happy Navratri to all🙏... #jaimatadi इस नवरात्रि अपने अंतर मन को जगाते हैं, किसी और के लिए बैर!!दोष!! को मिटाते हैं। खुद से माता को बुलाते #navratri #विचार #mankibaat #hindilines #navratrispecial #NavratriFestival #navratrivibes #navratri2024 #navratrithoughts #navratrithoughtsinhindi
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब रहंगे, क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है !! N S Yadav GoldMine . ©N S Yadav GoldMine #International_Day_Of_ {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब
#International_Day_Of_ {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब #मोटिवेशनल
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White स्वप्ना मागे पळताना माझ्यात मी हरवलो.. हरवताना जगात या स्वतःच मी दुरावलो.. जबाबदारीच्या ओझ्याने अगदीच मी भारावलो.. भारावलेल्या आयुष्याला जगायलाच मी विसरलो .. उगाच का बरं पळतोय अजूनहि नाही समजलो.. एकवेळ समजलं गेलं मला पण तरीही नाही थांबलो..? पण तरीही नाही थांबलो..? ©गोरक्ष अशोक उंबरकर तरीहि नाही थांबलो
तरीहि नाही थांबलो #मराठीकविता
read moreKavi Avinash Chavan(युवा कवी)
आसवांची साद ऐकूण का सखे तू येत नाही, कोण म्हणतो काळजाला बोलता ग येतं नाही.. #युवाकवी #मराठीकविता
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
सर्वेभ्यः स्वातन्त्र्यदिवसस्य शुभकामना🇮🇳🙏 आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वरचित संस्कृत रचना शीर्षक अस्माकं प्रियं भार #Trending #indianwriter #कविता #भारत #15अगस्त #स्वतंत्रतादिवस #indepandanceday #tarukikalam
read moreVishal Dhamane
White ......❤️...... ©Vishal Dhamane येत्या नारली पोर्निमेच्या सणानिमित्त, आई एकविरा मावुलीच्या चरणावरी नतमस्तक होवुन आम्ही आपल्यासमोर एकविरा आईचं एक गोड गीत घेवुन येत आहोत आपल्
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White रूपमाला - मदन छन्द 2122 2122 2122 21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रूपमाला - मदन छन्द 2122 2122 2122 21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें
रूपमाला - मदन छन्द 2122 2122 2122 21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें #कविता
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रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज
रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज #कविता
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