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वैभव जैन
🦯सफाई🦯 समय समय पर स्वयं की, मन की सफाई है जरूरी आसपास की समाज की देश की सफाई है जरूरी विकार भाव से अपनी परिणामों की सफाई जरूरी ।।1।। कही गंदगी,कही कचरा प्रदूषण करते हम दूरी दूरी वृक्ष काट कर गिराया,दरिद्र लाचारी फैली दूनी दूनी वातावरण दूषित तन ओ मन बीमारी होती अंदरूनी ।।2।। धरती,हवा,पानी सब प्रदूषित सब में हाहाकार भारी प्रभावित मन से अपराधिक,अनैतिक कार्य होते भारी हम है कारक हम ही कारण यही सच्चाई आज भारी ।।3।। मैल को साबुन से जीवन को अध्यात्म से सफाई जरूरी दैनिक रूप से बाहरी ओ अंदर की धूल मिटाना जरूरी निज के साथ आसपास के वातावरण स्वच्छता जरूरी ।4। "गुरु प्रशस्त" कहे सफाई से स्वास्थ्य है असली पूँजी "वैभव"सब रोगों की दवाई चहुं और रखो अच्छी सफाई ।। ©वैभव जैन #सफाई
वैभव जैन
White सफाई जरूरी धरती,हवा,पानी सब प्रदूषित सब में हाहाकार भारी प्रभावित मन से अपराधिक,अनैतिक कार्य होते भारी हम है कारक हम ही कारण यही सच्चाई आज भारी ©वैभव जैन #सफाई
वैभव जैन
सफाई जरूरी कही गंदगी,कही कचरा प्रदूषण करते हम दूरी दूरी वृक्ष काट कर गिराया, दरिद्र लाचारी फैली दूनी दूनी वातावरण दूषित कर तन मन बीमार होते अंदरूनी ©वैभव जैन #सफाई जरूरी
#सफाई जरूरी
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कही गंदगी,कही कचरा प्रदूषण करते हम दूरी दूरी वृक्ष काट कर गिराया,दुःख लाचारी फैली दूनी दूनी वातावरण दूषित कर तन मन बीमार होते अंदरूनी सफाई है जरूरी ©वैभव जैन #सफाई
वैभव जैन
flower quotes in English, flower messages सफाई समय समय पर स्वयं की, मन की सफाई है जरूरी आसपास की समाज की देश की सफाई है जरूरी विकार भाव से अपनी परिणामों की सफाई जरूरी ©वैभव जैन #सफाई
Saurabh Raj Sauri
पाणी बणिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च तेरी निर्दयी माया गैल्या, अब मेरी आंख्यूँ थै रुवोंणी च चिट्ठी लेखि धरि रैगी,कितबी का पेट "राज" आख़रु थै लेखदी कलम,अब कुम्र जन पितौणी च ब्यखुनी सुबेर ख्याल त्यारा ,रात्यु कू सुपन्या त्यारा हीं देखदू हर बोल गीत कविता शायरी का ,त्यारा बारा मा हीं लेखदू लूँण मर्चा घुशणु रांदूँ ,याद कैरी त्वे सदनी मौल नी छि घौ कतै भी, स्या रुन्दी पीड़ा बतौणी च पाणी बनिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च यखुली बैठयूं रांदु अजकलु , अब कै दगड़ी रायेंदूँ नी भूख तीस भी मोरी गे, अब कुछ भी मि चयेंदूँ नी कुछ बि अब भूलेंदूँ नि, त्यारा बारा मा सौंजड्या तेरी निर्भगी खुद स्या गैल्या, मि हर घड़ी सतौणी च पाणी बनिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च ©Saurabh Raj Sauri कितबी का पेट 💛
कितबी का पेट 💛
read moreBate Gyan ki
White आसान नही इतना बाहर पैसे कमाना दो वक्त की रोटी जुटने के लिए भुखे भी सोना पड़ता है। ©Naushad Shamsi motivation भूखे पेट भी सोना पड़ता हैं।
भूखे पेट भी सोना पड़ता हैं।
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