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हिमांशु Kulshreshtha
सूख गया अब मेरी आँखों में जो समाया था तेरे प्यार का समन्दर तेरे दर्द की काई ने ज़र्द कर दिया था इस समन्दर को ©हिमांशु Kulshreshtha सूख गया है. .
सूख गया है. .
read moreKiran Chaudhary
White तू जो मिले तो सारा जहाँ मेरा हो जाए, तेरी बाहों में खो जाऊं, सब कुछ फ़ना हो जाए। तेरी आँखों में डूब के, खुद को भुला दूं मैं, तेरी हर बात से मेरा, एक नया ख़्वाब सजा जाए। ©Kiran Chaudhary तू जो मिले तो सारा जहाँ मेरा हो जाए.. #Sad_Status
तू जो मिले तो सारा जहाँ मेरा हो जाए.. #Sad_Status
read moreArjun Rawat पार्थ
Heer
White सारी उमर संघर्ष में बीत जाती है। मर्द की तरक्की के पीछे औरत होती है। मगर एक औरत के पीछे कोई नहीं होता। वो अपनी लड़ाई खुद अकेले ही लड़ती है। जिन्हे समझने वाले लोग बहुत कम है इस सारे जहान में।। ©Heer औरतों की जिंदगी अकेले ही संघर्षों से लड़ते हुए बीत जाती है।
औरतों की जिंदगी अकेले ही संघर्षों से लड़ते हुए बीत जाती है।
read moreANSARI ANSARI
White गुरबत मे गुजारी है अपनी जीन्दगी अपने प्यारे नबी। ताकि खुदा न समझे नबी को ये सारा जहां। महबूब बनके आये जहां में अपने प्यारे नबी ताकि खुदा न समझे ये सारा जहां। फैलाया है दीन को प्यार से अपने प्यारे नबी ताकि खुदा न समझे ये सारा जहां ©ANSARI ANSARI खुदा न समझे ये सारा जहां।
खुदा न समझे ये सारा जहां।
read moreAnand Kumar Ashodhiya
निर्भया - नई हरयाणवी रागणी वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या गया मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
Anand Kumar Ashodhiya
पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
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