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niranjana dange,Neel.
हर दिन के साथ एक नई हकीकत सामने आती है कुछ हुई उजागर तो कुछ छुपी हुई वो सच्चाई नजर आती है रिश्ता को कर रही है जो तार तार वो वो हैवानियत से भरी इस दुनिया की सच्चाई नजर आती है कुछ रिश्तों में ही छुपे रिश्तेदारों की वो सच्चाई नजर आती है बड़ रहे जो हर दिन बलात्कार के ये case उनकी हकीकत नजर आती है इस कलयुग में हर जगह अब कोई न कोई हैवान नजर आता है नही है जो बेटियां सुरक्षित घर में तक अब अब तो हर जगह एक अंधेर कमरे में गुमसुम एक बेटी की बेबसी की कहानी नजर आती है किस से करे उम्मीद सुरक्षा की बेटी अब जब खुद उसके उसके लिए बन बैठे हैवान है अब हर गली में एक भेड़िया की घूरती हुई आंखे नजर आती है क्या है गुनाह होना एक लड़की अब हर एक के जहन में उठते हुए ये सवाल नजर आते है कब कहा हो अब बेटियां सुरक्षित इन जवाबो से घिरी हर एक बेटी नजर आती है 😢🥹🥹😢 ©Neel. आज की बेटी की असुरक्षित जिंदगी life quotes sad life quotes in hindi heart touching life quotes in hindi
आज की बेटी की असुरक्षित जिंदगी life quotes sad life quotes in hindi heart touching life quotes in hindi
read moregauranshi chauhan
White चेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है, चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है, दिखने मे जितने शांत लगते हो अंदर से उतने हि रावण हो, बाते श्री राम जैसी और काम रावण जैसे करते हो, मुँह पर अपने बनते हो और पीठ पीछे दुश्मन हो, दिन मे धर्म की बाते और रात मे नशा करते हो, किसी के सगे नही सबकी बुराइयाँ करते हि हो, नाम अच्छा है पर दीखते बिल्कुल असुर हि हो।। .... ©gauranshi chauhan #love_shayari shayari on lifeचेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है, चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है, दिखने मे जितने शांत
#love_shayari shayari on lifeचेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है, चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है, दिखने मे जितने शांत
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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
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