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Parul (kiran)Yadav

बिखरकर रंग धरती पर कुछ यूं आकार लेता है , वजूद सबका अपना अपना है, हमे ये संदेश देता है । अपने आँचल में समेट कर धरती इन रंगों को खूब मुस्कुरा

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Shaarang Deepak

इस धरती पर आकर सबका अपना कुछ खो जाता है by Nida Fazli Sahab॥ Recited by- Saarang Deepak #nidafazli #NaiNaiPoshakPahankar love #ghazal p

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Andy Mann

#धरती_मां अदनासा- Rakesh Srivastava Ravi Ranjan Kumar Kausik vinay panwar Sh@kila Niy@z

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White आज जो प्लेन जमीन आपको दिखाई देती हैं।
जो काफी लोगों को तकलीफ़ भी देती हैं।
आज से #500 .,700 साल पहले ये ऐसी नहीं थी। ऊंचे नीचे टीले थे, जिसे हमारे #पूर्वजों ने #बैलों_से_जोत के समतल किया है।
ये जमीन किसी #नवाब_राजा ने जागीर में नहीं दी है, ये कमाई गई है।और जमीनें तो सभी के पास थी, अगर आज आपके पास नहीं बची है तो अपने #पूर्वजों से पता कीजिए की क्या किया उन्होनें अपनी जमीन का।
आज तो #ट्रैक्टर_और_साधनों का ज़माना है, सोच के देखिए क्या संघर्ष किया होगा उन पीढ़ियों ने जिन्होंने #बैलों_से_खेती की है। किसान खुद भी #बैल_की_तरह अपने आप को जोत में जोड़ देता था,#कंधे_पर_हड्डी 4 इंच उभर आती थी, कमर कुबड़ी हो जाती थी, #कुएं_से_पानी निकालने के लिए पूरे #परिवार_को_ऊंट की तरह काम करना होता था, #नहरों_रजवाहों का पानी चलाने के लिए हफ्तों घर जाना नसीब नहीं होता था।
यहां आकर 200 rs के नेट पैक के माध्यम से कुछ भी बकवास करना तो काफी सरल है। 
#धरती_हमारी_मां_है

©Andy Mann #धरती_मां  अदनासा-  Rakesh Srivastava  Ravi Ranjan Kumar Kausik  vinay panwar  Sh@kila Niy@z

Pushpa Sharma "कृtt¥"

White राम और रावण ने हमें मिलकर समझाया,
पाप- पुण्य से चाहे कितना भी बलवान हो,
टकराया तो ख़ुद को मिट्टी में मिला पाया।

©Pushpa Sharma "कृtt¥" #Dussehra #पापपुण्य #बलवान #धरती #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स

Mahesh Chekhaliya

#love_shayari हर धड़कन में प्यास है तेरी, साँसों में तेरी खुशबू है इस धरती से उस अम्बर तक, मेरी नज़र में तू ही तू है

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White हर धड़कन में प्यास है तेरी,
 साँसों में तेरी खुशबू है 
इस धरती से उस अम्बर तक,
 मेरी नज़र में तू ही तू है..

©Mahesh Chekhaliya #love_shayari हर धड़कन में प्यास है तेरी, साँसों में तेरी खुशबू है इस धरती से उस अम्बर तक, मेरी नज़र में तू ही तू है

Pushpa Sharma "कृtt¥"

White चाँद से कुछ ऐसा दिखता है नज़ारा,
नीली से धरती और अंबर है प्यारा।

©Pushpa Sharma "कृtt¥" #International_Day_Of_Peace #अम्बरसे #धरती #नज़ारा #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर

person

Birth and death are inevitable जन्म और मृत्यु अनिवार्य हैं काल के प्रभाव से जो जीवन हमें मिलता हैं उसकी समाप्ति भी होती हैं यही पृथ्वी /

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Shiv Narayan Saxena

#love_shayari प्यारे सुंदर धरती के उपहार

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person

🙏गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकस

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गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी 
इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं 
हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकसद छुपा होता हैं 
इस सृष्टि पृथ्वी धरती 🌎 
पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति का कोई ना कोई उद्देश्य और मकसद होता हैं

©person 🙏गौतम बुद्ध ने एक बात कही थी 
इस पृथ्वी और / धरती पर इंसान का जन्म किसी उद्देश्य हुआ हैं 
हर इंसान के पीछे इस धरती / पृथ्वी के संतुलन और मकस

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

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गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्
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