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pramod malakar
अब तक हम थे अनजाने ********************* हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। हमारे दिल को वह क्या जाने, अब तक हम थे अनजाने, देर ही सही लेकिन , अब हैं हम पहचाने। सनातन संस्कृति का कर रहा वह सत्यानाश है, गर्दन पर तलवार है , फिर भी हमें विश्वास है, हमें तनिक भी नहीं , हो रहा आभास है। भाईचारा है हमारी सबसे बुरी बीमारी, अनगिनत कमजोरियां है अंदर हमारी। हम खुद को खुद ही मिटा रहे हैं, गैरों से अपनों का कत्ल करवा रहे हैं। धर्म का खंजर कट्टरपंथी , हम पर चला रहे हैं, बहन बेटियों का अस्मत , हम लूट रहे हैं, हम सब भाईचारे का गीत , गाए जा रहे हैं। हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। ०००००००००००००००००००० प्रमोद मालाकार की कलम से 06 जुलाई 2014 ©pramod malakar #अब तक हम थे अनजाने
#अब तक हम थे अनजाने
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//// अब तक हम थे अनजाने \\\\ """"""""""""""""""""""""""""""""""""" **************************** भाईचारा हम निभाते रहे, और हमें वो धरती से मिटाते रहे। हमारे दिल को वह क्या जाने, अब तक हम थे अनजाने। देर ही सही लेकिन,अब हैं हम पहचाने। गर्दन पर तलवार है,फिर भी हमें विश्वास है। सनातन संस्कृति का कर रहा सत्यानाश, हमें तनिक नहीं हो रहा है आभास। भाईचारा है हमारी बुरी बीमारी, अनगिनत कमजोरियां है अंदर हमारी। हम खुद को खुद ही मिटाते रहे, गैरों से अपनों का सत्यानाश करवाते रहें। बहन बेटियों का अस्मत हम लूटवाते रहे, और हम इंसानियत का गीत गाते रहें। लोग धर्म का खंजर हम पर चलाते रहे, भाईचारा हम निभाते रहें, और हमें वह धरती से मिटाते रहे।। ********************************* प्रमोद मालाकार की कलम से 06.07.2014 ************* ©pramod malakar #अब तक हम थे अनजाने
#अब तक हम थे अनजाने
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अब तक हम थे अनजाने ********************** हम भाईचारा निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं। हमारे दिल को वह क्या जाने, अब तक हम थे अनजाने, देर ही सही लेकिन , अब हम हैं उसे पहचाने।। सनातन संस्कृति का,वह कर रहा सत्यानाश है, गर्दन पर तलवार है,फिर भी हमें विश्वास है, हमें तनिक नहीं हो रहा आभास है।। भाईचारा है हमारी बुरी बीमारी, अनगिनत कमजोरी है अंदर हमारी। हम खुद को खुद ही मिटा रहे हैं, गैरों से अपनों का , कत्ल करवा रहे हैं, बहन बेटियों का अस्मत,हम लूटवा रहे हैं।। धर्म का खंजर वह हम पर चला रहे हैं, हम भाईचारे का गीत , गाए जा रहे हैं, भाईचारा हम निभा रहे हैं, और हमें वह धरती से मिटा रहे हैं।। *****************************- प्रमोद मालाकार कि कलम से 06.07.214 ©pramod malakar #अब तक हम थे अनजाने
#अब तक हम थे अनजाने
read morealfaz
हम तो रास्ता थे सिर्फ , उनकी मंजिल तो कही और थी..। वक्त सिर्फ गुजारना था उन्हें मेरे साथ, जिंदगी तो उनकी कोई और थी।।। preet. #हम तो रास्ता थे।
#हम तो रास्ता थे।
read moreAnjali Nigam
माना उनकी महफ़िल की हम शान नहीं थे मगर हम इंसान ही थे कोई भगवान नहीं थे दिल हमारा भी था कोई खिलौना तो नहीं थे जिस्म से कमजोर थे मगर पत्थर तो नहीं थे हर रिश्ता हमको आजमाता रहा हमेशा से हम भी टूटते थे इतने भी तो मजबूत नहीं थे बदलना चाहता तू भी अगर किस्मत मेरी तो बदल देता...हम तेरे अपने थे कोई गैर तो नहीं थे!! ©Anjali Nigam #हम गैर तो नहीं थे.....
#हम गैर तो नहीं थे.....
read moreRasika Chalke
स्मृतिगंध कविता संग्रह आये तो थे हम आये तो थे हम आपकी जिंदगी में प्यार कैसा होता है सिखा रहेथे पर तुम्हे मेरे प्यार पे शक था इसलिए जो थे हाथों में हाथ वो छूट गये वरना हम कभी जाते नहीं भरी है सासोमे सांस तुने जब बात कर रहे थे हम दोनों अब शिकायते किस बात की नसीब मे थे हम तुम्हारे पर तूने पेहचाना नही जाना है तो माना नहीं हम वो है जो चाहे वो कर के दिखाये दो और दो चार बना दे...... सौ. रसिका चाळके आये तो थे हम #Hindidiwas
आये तो थे हम #Hindidiwas
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