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नवनीत ठाकुर
जो राह में मिला था साथ कभी, वक्त के हाथों फिसल गया। दर्द छुपाने की कोशिश में, चेहरे पर निशां बना।। जो वक़्त की धारा में खो गए, वो लम्हे बस एक ख़्वाब बने। दिल में छुपा है दर्द पुराना, वो शब्दों में ढल कर अब जुबान बने।। ©नवनीत ठाकुर #चेहरे पर निशान बने
#चेहरे पर निशान बने
read moreRAVI PRAKASH
White किसी के छोड़ जाने से, मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो, वक्त मिटा देगा हर एहसास., तो रूह से किया गया इश्क़ , लाश के साथ दफ़न नहीं होती... ©RAVI PRAKASH #sad_quotes किसी के छोड़ जाने से
#sad_quotes किसी के छोड़ जाने से
read moreRAVI PRAKASH
White किसी के छोड़ जाने से, मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो , वक्त मिटा देगा हर एहसास., तो रूह से किया गया इश्क़ , लाश के साथ दफ़न नहीं होती... ©RAVI PRAKASH #good_night किसी के छोड़ जाने से
#good_night किसी के छोड़ जाने से
read moreधाकड़ है हरियाणा
Akriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreVinod Mishra
Shashi Bhushan Mishra
ज़िन्दगी चलती नहीं क़िताब से, चला करिये उम्र के हिसाब से, भोर में चिड़िया जगाने आ गई, सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से, बारिशों में नदी हर नाला लगे, उतर जायेगा महज बहाव से, हरतरफ बैठा शिकारी घात में, आत्मरक्षा कीजिए बचाव से, सजगता से करें रक्षा फसल की, कीटनाशक डाल दें छिड़काव से, प्रेम से पालें कबूतर शांति का, धूप बारिश रोकिए मेहराब से, तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #चला करिये उम्र के हिसाब से#
#चला करिये उम्र के हिसाब से#
read moreHeer
Journey राह पर ढूंढ रहे थे हम भी पैरो के वो निशान, मिल जाए गर एक चिन्ह भी उनके होने का ही सही। बदल दिया था अपना ठिकाना ना जाने किस कारण से, निकल पड़े फिर ना जाने वो कौन सी ऐसी राहो पर। पता अगर जो बता जाते तो, हम फिर मिल जाते उनसे, अब तो बस ढूंढ रहे है, राहों पर उनके ही निशान। ©Heer #Journey #उनके होने का निशान