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नवनीत ठाकुर
उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा, खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे। चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई, सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे। वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया, रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे। उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला, हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे। नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया, हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे। वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है, धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे। उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर, फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे। ©नवनीत ठाकुर #रात में महताब
#रात में महताब
read moreAbeer Singh
चांदनी रात में तारे टिमटिमा रहे हैं, आसमान की गोद में सपने सजा रहे हैं। इस हसीन रात में तुम्हारी याद आ रही है, दोस्ती की मिठास दिल को भा रही
read moreShiv Narayan Saxena
White ना अमां का समां और ये आसमां तारे झलमल करें देखता आसमां मुस्कुराते हैं अब सब दीये प्यार में मिल तो ले सनम वस्ल की रात में ©Shiv Narayan Saxena #good_night वस्ल की रात में.....
#good_night वस्ल की रात में.....
read moreSarkaR
White सपने भी हम अपने काबिलियत से देखते है वरना लोग इनको भी नीलाम कर देते ©SarkaR #सपने
SarkaR
White जागते हुए भी हम कभी-कभी कुछ इस तरह सो जाते हैं खुली आंखों से देखते हैं सपने और जिंदगी में खो जाते हैं ©SarkaR #सपने
Comrade PREM
White अपनी सपनों से जूझते हुए कभी भी हार नही मानना यही तकलीफें यही उलझनें तुम्हें सही और सफल बनायेगा ॥ कभी डरना मत अपनी वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लड़ते रहना कभी रुकना मत दीवारों की परवाह मत करना " ©Comrade PREM अपने सपने
अपने सपने
read moreMohan Sardarshahari
White मोहिनी सूरत मित भाषी ज्यादा लिखूं लगे आभासी खोलूं आंखें नजर न आये बंद आंखों में वही समाये। लाज के मारे दफन सीने में नजाकत नहीं इस जीने में नींद हमारी सपने तुम्हारे राज बस शब्दों में जाये उकेरे। भटक-भटक अटक-अटक जीवन जाये लटक-लटक बिन तेरे लोग कहते मैं जी रहा सटक-सटक।। ©Mohan Sardarshahari सपने तुम्हारे
सपने तुम्हारे
read moreAshok Verma "Hamdard"
White *गज़ल* *मुखड़ा 1-* आपकी याद आती है रात भर, क्यों तुम जगाती हो रात भर। दिल को सुकून ना आता कभी, चुपके से रुलाती हो रात भर। *अंतरा 1-* चांदनी की तरह तुम खामोश, पर आग लगाती हो रात भर। ख्वाबों में आकर मुस्कुराती, फिर से कसमसाती हो रात भर। *अंतरा 2-* तुम्हारे बिन दिल खाली सा है, तन्हाई सजाती हो रात भर। आंसू छुपाकर यूं सो जाते, पर तुम याद आती हो रात भर। *अशोक वर्मा "हमदर्द"* ©Ashok Verma "Hamdard" रात सपनों में आती है
रात सपनों में आती है
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