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Stories related to मिलाई जोड़ी सीरियल

gudiya

#sad_shayari nojotophoto #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव

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White ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नवीन आंखों में जो नवीन सपने हैं
 वे ग़ालिब  के सपने हैं ।

गालिब ने खोली गांठ जटिल जीवन की, 
बात और वह बोली नपीतुली थी, हल्के पान का नाम नहीं था।

 सुख की आंखों ने दुख देखा और टिटौली की,
 यों जी भर बहलाया।

 बेशक दाम नहीं था उनकी अंटी में, दुनिया से काम नहीं था 
लेकिन उस को सांस सांस पर तौल रहे थे ।

अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था
 सत्य बोलता था जब मुंह खोल रहे थे ।

ग़ालिब होकर रहे जीत कर दुनिया छोड़ी
 कवि थे, अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ी।
-त्रिलोचन

©gudiya #sad_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi 
ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नव

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Sarfaraj idrishi

लूट कर मासूम की आबरू जालिमों तुम्हें नींद कैसे आई होगी तुमने तड़पा कर उस खिलते फूल को अपनी बेटियों से नज़र कैसे मिलाई होगी कसूर क्या था शा

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लूट कर मासूम की आबरू
 जालिमों तुम्हें नींद कैसे आई होगी
तुमने तड़पा कर उस खिलते फूल को 
अपनी बेटियों से नज़र कैसे मिलाई होगी
कसूर क्या था शायद कोई खता नहीं थी 
कलेजा नहीं फटा जब वो चिल्लाई होगी
तुम इतने बेहरम कैसे बन गए ऐ दरिंदो
 सोचता हूँ
 शायद तालीम ऐसी पाई होगी

©Sarfaraj idrishi लूट कर मासूम की आबरू जालिमों तुम्हें नींद कैसे आई होगी

तुमने तड़पा कर उस खिलते फूल को अपनी बेटियों से नज़र कैसे मिलाई होगी

कसूर क्या था शा
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