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Anjali Singhal
"महकते हैं और महकते ही रह जाते हैं उनके एहसास से। गुजरते हैं और गुज़रकर चले भी जाते हैं वे पास से।।" #AnjaliSinghal #Shayari shayaristatu
read moreMiMi Flix
"चतुर बंदर और गहनों का चोर – बंदर और शेर, हिंदी बच्चों की नैतिक शिक्षा कहानी" - एक घने जंगल में, चतुर बंदर बंटी की एक गलती से अजीब परिवर्तन
read moreDas Sumit Malhotra Sheetal
*हैलो दोस्तों और ये कड़वा सच है की कुछ लोग जीने के बावजूद भी नहीं आया करते और कुछ लोग जो जी रहे होते हैं वो हमारे लिए मरे हुए के समान हो जात
read moreHimanshu Prajapati
White कुछ लोग बातों में आते हैं कुछ लोग औकात में, बस ऐसे ही धीरे-धीरे बरबाद हो जाते हैं..! ©Himanshu Prajapati #sad_quotes कुछ लोग बातों में आते हैं कुछ लोग औकात में, बस ऐसे ही धीरे-धीरे बरबाद हो जाते हैं..! #hpstrange #36gyan
#sad_quotes कुछ लोग बातों में आते हैं कुछ लोग औकात में, बस ऐसे ही धीरे-धीरे बरबाद हो जाते हैं..! #hpstrange #36gyan
read moreAnant Nag Chandan
White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना
बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना
read moreperson
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती। भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए. ©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
read moreComrade PREM
White कितने खुली आंखों से सपने देखने वाले यू ही कहीं खो जाते है किन्हीं को पैसा की तंगी तो किन्हीं को सही दिशा निदेंश नही मिल पाने के कारण लंबे वर्षो तक संघर्ष करना पड़ता है । अंत में सपने यू ही दफन करने पड़ जाते है इन्हीं आंखों के सामने जो चला था आसमान के साथ उड़ने ©prem yadav #Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
#Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
read moreSumitGaurav2005
कुछ लोग मोहब्बत करके हो जाते हैं बर्बाद , कुछ लोग मोहब्बत करके कर देते हैं बर्बाद!! #BreakUp #Bewafa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana
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