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Satish Kumar Meena
White ना थके ना रुके, मंजिल कहां है पता नहीं, एक दिन हमारे लक्ष्य का भेद पता चल जाएगा कि हमने देश के लिए समझौता किया है या समझौते से देश को बचाया है। ©Satish Kumar Meena ना थके ना रुके
ना थके ना रुके
read moreGanesh Din Pal
ममता में मां और मेहनत में पिता लाजवाब होते हैं बाकी तो सब बेहिसाब होते हैं ©Ganesh Din Pal #❤️ मा
#❤️ मा
read moreHimachal MC
सावन का महीना (Hindi movie song) | Milan - 1967 | Sunil Dutt , Nutan | Mukesh , Lata | Laxmikant , Pyarelal | #na #moviesongs #Hindi
read moreMrmukesh kashyap ji
White कदम कदम पर बहारों ने साथ छोड़ा,जरूरत पड़ी तो यारों ने साथ छोड़ा ,सितारे बोले हम देंगे साथ तुम्हारा,मगर अब सॉस सुभा हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा ©Dj Mukesh Dataganj #GoodNight #vairall post#हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें#हमारे यूट्यूब चैनल का नाम है#डीजे मुकेश दातागंज
#GoodNight #vairall postहमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करेंहमारे यूट्यूब चैनल का नाम हैडीजे मुकेश दातागंज
read moreLamha
White मासूमियत सीखिए हमसे भी थोड़ी सी, उलझे हुए हैं और सबको सुलझाना चाहते हैं!! - तान्या ©Lamha kaisan बा सब लोगन?? मजा मा?
kaisan बा सब लोगन?? मजा मा?
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White ना पा सके,ना भूला सके........... ना बता सके,ना जता सके... ! तू कया है,मेरे लिए.....!! ना खुद समझ सके,ना मुझे समझा सकी.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#
# ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#
read moreअखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन' #रक्षाबंधन #सावन #शिवजी
arvind bhanwra ambala. India
कंहा गया वो सावन। पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला अकेले ही झूला, झूला हमने न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। आज डर है, मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, क्या झूलूं, कंहा झूलू अब, कौन से सावन मे, अब, हर नज़र ललचाई, हर मन, हवस समाई, मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है हवस मिटाने का मकान मानता है ©arvind bhanwra ambala. India कंहा गया वो सावन
कंहा गया वो सावन
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