Find the Latest Status about rokeya sakhawat hossain books from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, rokeya sakhawat hossain books.
Writer Ravi
उलझनो को सुलझा देती हैं किताबें भटके को मार्ग दिखाती हैं किताबें बदतर से बेहतर बनाती है किताबें तू किताबों को दोस्त बना तो सही मंजिल तक आसानी से पहुंचती हैं किताबें । ©Writer Ravi #Books
कृतांत अनन्त नीरज...
आकर्षण आपको सिर्फ आकर्षित कर सकता है नष्ट नही नष्ट तो आप तब होते है जब आप आकर्षण की ताकत को अपने "आत्म अनुशासन" की शक्ति से अधिक समझ लेते है... ©कृतांत अनन्त नीरज... #Books
Heer
किताबें बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है computer के साथ में, देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी न खत्म होती थी, वो झलक अब नजर कही आती नही, रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए गुजरते थी जो रातें, कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे, सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून Robot के इस जहान में। ©Heer #Books
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
Navash2411
लगता है गहरे जख्मों की कहानी लिखी है, यादों की धुंध में छुपी रात पुरानी लिखी है। हस्ती को खुद में समाने की बात करते हो, शायद उस किताब में कोई निशानी रखी है। ©Navash2411 #Books
mereshabd.1
सारी पढ़ाई लिखाई धरी रह जाती हैं जब जिंदगी अपना सिलेबस बदलती हैं ©mereshabd.1 #Books # life
संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ! न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः !! हिन्दी अर्थ : दुनिया में कोई भी काम सिर्फ सोचने से पूरा नहीं होता बल्कि कठिन परिश्रम से पूरा होता है. कभी भी सोते हुए शेर के मुँह में हिरण खुद नहीं आता. ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #Books