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Andaaz bayan
!झांसी की रानी लक्ष्मी बाई! स्वप्न अनोखा देखा था,चर्चा में उनको सुन रखा था। बोली मुझसे,निडर बनो,डर के आगे कभी ना झुको।। देख उनकी वेशभूषा,तलवार चांदी सी चमकी थी। बांधे कपड़े से लाल(पुत्र)को पीछे,शत्रुओं की काल बन बैठी थी।। किस्से और कहानी में नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह आदि नामो सहित, एक वीरांगना ब्रिटिश हुकूमत पर भारी थी। देखा उनको मैं चकित हुई,आई स्वप्न में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।। बहादुर साहसी निडर,दृढ़ संकल्पी,और बुद्धिमान थी। सच्ची योद्धा,शक्ति की प्रतीक देश की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई थी।। ना घुटने टेके,ना घबराई थी,ब्रिटिश हुकूमत के आगे बिल्कुल भी नही डगमगाई थी। (1857)प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाई थी,"मैं झांसी किसी कीमत पर भी नहीं दूंगी", ये मन में उन्होंने ठानी थी।। करारा जवाब,अंग्रेजों को ललकार,बर्बरतापूर्ण नीतियों के खिलाफ,देना था। ओजस्वी तेजस्वी रानी लक्ष्मी बाई ने,दत्तक पुत्र के साथ झांसी का राजदरबार संभाला था।। नारी वो धुरंधर है जो,आकाश को भी चुनौती दे सकती है। अपने पर जब वो आ जाए तो,इंसान क्या यमराज से भी लड़ सकती है।। होती रहेगी,जय जयकार युगों युगों तक धरती पर वीर गाथाओं में । शत्रुओं पर भारी थी,सिंहनी-सी रानी झांसी की,जब उतरी रण मैदान में।। ✍🏻 ©Andaaz bayan #Jhansi #veer #RaniLaxmiBai #Dream Hinduism poetry lovers
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read moreDILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }
میں غربت کے اندھیروں کو مٹا کر لوٹ آیا ہوں۔ میں ظلم کی گردن مروڑ کر لوٹا آیا ہوں۔ وہ میرکاسا خریدنا چاہتا تھا۔ سلمان اس کے تاج کی قیمت لگا کر لوٹ آیا ہوں۔ مصنف :- حضرت مفتی سلمان ازہری صاحب ©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان } #Prayers mr safikhan Bhopal Zainab Khan khan perfect Gufran khan Kasim Ansari
#Prayers mr safikhan Bhopal Zainab Khan khan perfect Gufran khan Kasim Ansari
read morepuja udeshi
#pujaudeshi VEER SOLANKI Jagdish Jagdish Padihar Sangeet... 420 ɴᴀᴅᴀɴ_______ᰔᩚ________√
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